फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (28) का शुक्रवार को हरियाणा के रेवाड़ी जिले में उनके पैतृक गांव माजरा भालखी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। यादव बुधवार रात जामनगर वायुसेना स्टेशन के पास विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। तिरंगे में लिपटा शरीर कॉफिन में पहुंचा तो हर तरफ चीख- पुकार मची थी। इसी बीच पार्थिव शरीर से लिपटी एक युवती लगातार रो रही थी। दरअसल वह सानिया थी जिसकी सगाई 23 मार्च को सिद्धार्थ यादव के साथ हुई थी। सिद्धार्थ का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा गांव उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़ा। सानिया की चीखों ने हर किसी को झकझोर दिया।
हर किसी के आंसू निकले
सानिया का दर्द देखकर वहां खड़ा हर कोई रो पड़ा। हर किसी की आंखों से आंसू बह रहे थे। सानिया कुछ देर के लिए अपनी सुधबुध खो दी थी। दरअसल सानिया और सिद्धार्थ फोन पर घंटों बात करते थे और शादी की प्लानिंग करते थे। सोनिया बार-बार सारी बातें याद कर रही थी। सानिया और सिद्धार्थ की सगाई 23 मार्च को हुई थी और दोनों की शादी इसी साल 2 नवंबर को होनी थी। वहीं सिद्धार्थ के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पूरा परिवार सदमे में है। सिद्धार्थ के पिता सुशील ने बताया कि कमान अधिकारी ने गुरुवार रात करीब 11 बजे उन्हें फोन पर बताया कि एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। एक पायलट को बचा लिया गया है और दूसरा पायलट हमारा बेटा शहीद हो गया है।
2 नवंबर को होनी थी शादी
शहीद पायलट के सम्मान में हाथों में तिरंगा लिए कई पूर्व सैनिकों सहित बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर खड़े थे। वायुसेना अधिकारी का पार्थिव शरीर लेकर वाहन गुजरा तो फूलों की पंखुडिय़ां बरसाईं। शहीद पायलट के सम्मान में भारतीय वायुसेना के जवानों ने बंदूकों की सलामी दी। यादव परिवार का सेना में एक लंबा इतिहास रहा है। सिद्धार्थ के पिता सुशील भारतीय वायुसेना से रिटायर हुए थे। सिद्धार्थ के दादा और परदादा भी सेना में ही थे।