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    वडोदरा में गंभीरा ब्रिज ढहने से 9 की मौत; PM मोदी ने जताया दुख

    गुजरात के वडोदरा जिले में आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। महिसागर नदी पर बना गंभीरा ब्रिज अचानक बीच से ढह गया, जिससे कई वाहन नदी में जा गिरे। इस भीषण हादसे में अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पांच लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। घायलों को इलाज के लिए वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

    यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था और सुबह के व्यस्त समय में इस पर भारी यातायात था। बताया जा रहा है कि पुल ढहने के दौरान दो ट्रक, एक बोलेरो जीप और एक मोटरसाइकिल सहित कई वाहन नदी में गिर गए। एक टैंकर पुल के किनारे से खतरनाक ढंग से लटका हुआ दिखाई दिया, जिसे हटाने के प्रयास जारी हैं।

    वडोदरा के कलेक्टर डॉ. अनिल धामेलिया ने मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए बताया कि नदी से नौ शव निकाले गए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी गोताखोरों की मदद से नदी में फंसे लोगों और वाहनों की तलाश कर रही हैं।


    प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, मुआवजे का एलान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “वडोदरा जिले में एक पुल के ढहने से हुई जानमाल की हानि बेहद दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”

    प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे के शिकार हुए लोगों के लिए मुआवजे का भी एलान किया है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को ₹50,000 दिए जाएंगे।


    पुल की स्थिति और विपक्ष का हमला

    बताया जा रहा है कि यह गंभीरा पुल लगभग 43 से 45 साल पुराना था और इसकी मरम्मत कुछ समय पहले ही की गई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल लंबे समय से जर्जर हालत में था और उन्होंने इसकी मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

    इस हादसे के बाद विपक्ष ने गुजरात सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि यह हादसा सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। कांग्रेस ने ‘गुजरात मॉडल’ पर निशाना साधते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

    यह घटना गुजरात में पुलों के रखरखाव और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या इस हादसे के बाद सरकार राज्य के अन्य पुराने पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?

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