भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर दिए गए बयान के बाद पाकिस्तान में तोड़फोड़ की है। इस बीच, रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान ने खुलकर राजनाथ सिंह के बयान का समर्थन किया है, जिससे पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ गया है।
राजनाथ सिंह का बयान
मोरक्को में एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत किसी भी आक्रामक कदम के बिना ही पीओके पर नियंत्रण वापस ले लेगा। उन्होंने कहा, ” पीओके आप हमारा होगा। पीओके में मांगें फिर से लगी हैं, आप असलियत में होंगे। ” उनका मानना है कि इस क्षेत्र के लोग अब खुद ही पाकिस्तान के शासन से आजादी चाहते हैं।
बलूचिस्तान का समर्थन
राजनाथ सिंह के इस बयान से बलूचिस्तान के नेताओं में नया जोश भर गया है, जो लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान जारी कर कहा, “बलूचिस्तान गणराज्य भारत के रक्षा मंत्री की पुष्टि करता है।”
क्यों हो रहा है समर्थन?
बलूच नेताओं का मानना है कि पीओके का भारत में विलय केवल एक ऐतिहासिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान के विनाश और कट्टरपंथी सेना के अवैध कब्जे से पीओके के लोगों को मुक्ति दिलाएगा। बयान में ये भी कहा गया है कि:
- दृढ़ता और स्थिरता का अंत: पीओके के भारत में विलय से क्षेत्र में स्थिरता आएगी, सीमा पार की चुनौती समाप्त हो जाएगी और पाकिस्तान के सैन्य युद्धों का नेटवर्क समाप्त हो जाएगा।
- अन्य राष्ट्रों की प्रेरणा: बलूच नेताओं का दावा है कि भारत से 370 को साहसिक कदम के रूप में हटाने और अब पीओके को वापस लेने की प्रेरणा बलूच, सिंधी और पश्तून जैसे अन्य राष्ट्र भी पाकिस्तान के दमनकारी शासन से खुद को मुक्त कराने के लिए प्रयासरत हैं।
बलूचिस्तान के लोग दशकों से पाकिस्तान की आजादी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, और इस संघर्ष में संयुक्त सेना ने हजारों लोगों की हत्या कर दी है। बलूच नेता कई बार सार्वजनिक रूप से भारत से मदद की अपील कर चुके हैं।