मप्र के पूर्व मंत्री और 7 बार के विधायक दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 2018 में कमलनाथ के लिए विधायक का पद छोड़ दिया था, ताकि वे छिंदवाड़ा से चुनाव लडक़र मुख्यमंत्री बने रह सकें। कमलनाथ ने उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनवाया था। छिंदवाड़ा में अगर कोई कमलनाथ का सबसे करीबी था, तो वे दीपक सक्सेना ही थे। पहले तो उनके बेटे ने भोपाल में जाकर भाजपा की सदस्यता ली और अब दीपक सक्सेना भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। कयास हैं कि वे भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। कांग्रेस से उनका 50 साल पुराना था।
इस्तीफे में यह लिखा
दीपक सक्सेना ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र लिखते हुए कहा कि जीतू भाई मैं दीपक सक्सेना, सन 1974 से कांग्रेस का सदस्य रहा हू। 1990 से 7 बार विधानसभा चुनाव लड़ा और कोऑपरेटिव बैंक का अध्यक्ष रहा हूँ। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी माननीय दिग्विजय सिंह के साथ 5 वर्ष तक साथ सह-सचिव पद पर रहा हूँ। मुझ जैसे किसान परिवार के छोटे व्यक्ति पर माननीय स्व. राजीव गांधी, सोनिया गांधी, कमलनाथ जी ने विश्वास कर दायित्व दिया। इसके लिए मैं सदैव कांग्रेस पार्टी के लिए ऋणी रहूँगा। वर्तमान में व्यक्तिगत परेशानियों के कारण कांग्रेस पार्टी की जबावदारी निर्वाहन नहीं कर पा रहा हूँ। अत: मेरा कांग्रेस से त्याग पत्र स्वीकार करने का कष्ट करेें।
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