उप्र के आगरा के आवास विकास सेक्टर-7 में धमाके के साथ पांच दुकानें ढह गईं। धूल का इतना गुबार देखकर किसी को लगा कि भूकंप आया है तो किसी ने समझा कि बम फट गया। थोड़ी देर बाद पता चला कि दुकानें ढह गई हैं। हादसे वाली दुकानों के सामने आशीष जैन की ऑटो पाट्र्स की दुकान है। उन्होंने बताया कि तेज धमाके के साथ चारों तरफ धूल उडऩे लगी। उन्हें लगा कोई बम फट गया। एक विक्रेता ने बताया कि हादसा होने के समय वह सामने बैठे थे। धमाका और धूल का गुबार देखकर आसपास अफरातफरी मच गई। लोग घरों से बाहर आ गए और उन्हें लगा कि कहीं भूकंप तो नहीं आ गया। इस हादसे की मुख्य वजह दो दुकानों के बीच की दीवार को हटाकर उन्हें एक करने के लिए चल रहा निर्माण कार्य बताया जा रहा है।
पुलिस ने बैरियर लगाकर रोक दिया रास्ता
हादसे के बाद पुलिस ने सेक्टर-4 चौकी के पास बैरियर लगा दिए और वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। सेक्टर-1 की तरफ से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए भी बैरियर लगाए गए। घटनास्थल पर काफी भीड़ होने से बचाव कार्य में वक्त ज्यादा लगा। लोगों को हटाने के लिए बार-बार पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही थी।
आवास विकास में 5 दुकानें ढहीं, दो भाइयों की मौत
आगरा में आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-7 में दो दुकानों के बीच की दीवार हटाने के दौरान 5 दुकानों की छत उड़ गई और नौ लोग मलबे में दब गए। 3 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस और स्थानीय लोगों ने मलबे से घायलों को निकाला। हादसे में दो भाइयों किशनचंद उपाध्याय और विष्णु उपाध्याय की मौत हो गई, जबकि सात घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मलबे में दब गए मजदूर और अन्य लोग
दरअसल जहां हादसा हुआ, वहां बल्लियां लगी थीं और मजदूर काम कर रहे थे। अचानक सभी पांच दुकानें भरभराकर गिर गईं और दुकानों में काम कर रहे लोग और ग्राहक मलबे में दब गए। लोगों ने सेक्टर-4 पुलिस चौकी के सिपाहियों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया। इसी दौरान लोहे का गर्डर लगने से इंस्पेक्टर आनंदवीर सिंह घायल हो गए। पुलिस ने जेसीबी की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकाला। एक मजदूर के दोनों पैर लोहे के जाल में दबे थे और कटर से काटने पर पैर कटने का डर था। काफी जद्दोजहद के बाद उसे निकाला जा सका।