चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों में होने वाले उपचुनावों के लिए कुल 470 केंद्रीय पर्यवेक्षक (सामान्य, पुलिस और व्यय) तैनात करने का फैसला किया है। आयोग का उद्देश्य इन चुनावों में निष्पक्षता, तटस्थता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है।
पर्यवेक्षकों की संख्या और जिम्मेदारी
आयोग ने विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं से इन 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस): 320 अधिकारी
- भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस): 60 अधिकारी
- भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस): 90 अधिकारी
- इसके अलावा आईआरएएस, आईसीएएस जैसी सेवाओं के अधिकारी भी शामिल हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, पर्यवेक्षक ‘आयोग की आंख और कान’ होते हैं। वे चुनाव के निष्पक्ष संचालन में सहायता करते हैं और क्षेत्र स्तर पर चुनाव प्रक्रिया के प्रभावी प्रबंधन की निगरानी करते हैं। व्यय पर्यवेक्षक विशेष रूप से उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की निगरानी करते हैं। ये सभी अधिकारी अपनी नियुक्ति से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के नियंत्रण में कार्य करेंगे।
किन राज्यों में होगी तैनाती?
ये केंद्रीय पर्यवेक्षक मुख्य रूप से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैनात किए जा रहे हैं। इसके अलावा, निम्नलिखित राज्यों और निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के लिए भी इनकी नियुक्ति की गई है:
- जम्मू-कश्मीर: बडगाम एवं नगरोटा
- राजस्थान: अन्ता
- झारखंड: घाटसिला
- तेलंगाना: जुबली हिल्स
- पंजाब: तारण-तारन
- मिजोरम: डम्पा
- ओडिशा: नुआपाड़ा
यह तैनाती संविधान के अनुच्छेद 324 और प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत की गई है, ताकि चुनाव पारदर्शी और समावेशी ढंग से संपन्न हो सकें।