उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के आर्थिक इतिहास पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कभी देश का सबसे समृद्ध राज्य था, लेकिन बाद के वर्षों में इसकी स्थिति में गिरावट आई।
यूपी का गौरवशाली अतीत
सीएम योगी ने 400 साल पहले के समय का जिक्र करते हुए कहा कि तब उत्तर प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य था। उन्होंने कहा कि बाहरी आक्रमणकारियों, लूट और शोषण के बावजूद, जब 1947 में भारत को आजादी मिली, तो देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे अधिक था। उनके मुताबिक, उस समय यूपी आर्थिक रूप से नंबर एक पर था।
आर्थिक गिरावट की वजह
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1960 के दशक के बाद यूपी के आर्थिक विकास में गिरावट शुरू हुई और 2016 तक इसका योगदान घटकर मात्र 8% रह गया। उन्होंने इस गिरावट का मुख्य कारण ‘स्वार्थ भरी नीतियां’ और ‘वोट बैंक की राजनीति’ को बताया। उन्होंने कहा कि जब नीतियां व्यक्तिगत या परिवार के हितों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, तो वे राज्य को दुर्गति की ओर ले जाती हैं।
सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की नीतियों पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य यूपी को फिर से आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि सही नीतियों और स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ, उत्तर प्रदेश को फिर से देश का सबसे समृद्ध और अग्रणी राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि प्रदेश को उसकी पुरानी पहचान वापस दिलाई जा सके।