अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए स्वीकार किया है कि हाल ही में ईरान पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरानी परमाणु स्थल से लगभग 400 किलोग्राम यूरेनियम गायब हो गया है। इस घोषणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है और वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच हड़कंप मच गया है।
वेंस नेबताया कि यह यूरेनियम, जो संभावित रूप से हथियार-ग्रेड सामग्री में परिवर्तित किया जा सकता है, उस विशेष सुविधा से लापता हुआ है जिसे अमेरिकी सेना ने अपने हवाई हमलों का निशाना बनाया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस घटना की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता और अमेरिका इस लापता सामग्री का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
हालांकि, वेंस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह यूरेनियम अमेरिकी हमले के दौरान नष्ट हो गया, या इसे ईरान द्वारा जानबूझकर कहीं और ले जाया गया, या फिर किसी अन्य अज्ञात कारण से यह गायब हुआ है। उन्होंने बस इतना कहा कि “हमारे पास अभी तक इसका ठोस जवाब नहीं है कि यह यूरेनियम कहाँ गया है।”
इस खुलासे के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी गहरी चिंता व्यक्त की है और ईरान से इस मामले पर तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग की है। IAEA के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे इस घटना की जांच के लिए ईरान के साथ संपर्क में हैं और सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत ईरान के दायित्वों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
ईरान की ओर से इस दावे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस नई जानकारी से मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और बिगड़ सकती है, और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक चिंताएं कई गुना बढ़ जाएंगी। दुनिया भर के देश अब इस लापता यूरेनियम और उसके संभावित परिणामों को लेकर चिंतित हैं।


