भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दो प्रमुख शहरों फरीदाबाद (हरियाणा) और अहमदाबाद (गुजरात) में कार्रवाई करते हुए आतंकी साजिश को विफल किया है। यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के गठजोड़ की ओर इशारा करती है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए फरीदाबाद के धौज इलाके में एक डॉक्टर के घर से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं। 12 सूटकेस/बैगों से करीब 300 से 360 किलोग्राम विस्फोटक (जिसमें अमोनियम नाइट्रेट/आरडीएक्स शामिल है) बरामद हुआ। एक AK-47 राइफल, 2 ऑटोमैटिक पिस्टल, और 84 कारतूस का जखीरा मिला। 5 लीटर केमिकल भी बरामद किया गया।
यह कार्रवाई श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) अनंतनाग के पूर्व रेजिडेंट डॉक्टर आदिल अहमद राथर की निशानदेही पर की गई। डॉक्टर राथर को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप के बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जीएमसी अनंतनाग में डॉक्टर राथर के लॉकर से भी एक AK-47 राइफल बरामद की थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल राथर से पूछताछ के बाद उसके सहयोगी पुलवामा के कोइल निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील का भी पता लगाया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, मुजम्मिल शकील अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर था।
आतंकी साजिश में इमाम की गिरफ्तारी
इस आतंकी नेटवर्क की जाँच के दौरान एक इमाम को भी पकड़े जाने की खबर है। हालांकि, इमाम के बारे में विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
अहमदाबाद से केमिकल और साजिश का पर्दाफाश
गुजरात एटीएस (ATS) ने भी देश में एक बड़ी आतंकी साजिश का भंडाफोड़ किया है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हाफिज सईद के इशारे पर भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी, जिसमें रासायनिक हमले की आशंका भी शामिल थी। गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से खतरनाक केमिकल बरामद किया है। (विभिन्न रिपोर्टों में इस केमिकल का इस्तेमाल ‘रिकिन’ नामक घातक जहर बनाने की योजना से जोड़ा गया है, हालांकि यह जानकारी संदर्भ में दी गई जानकारी से बाहर है)। सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियार विभिन्न राज्यों तक कैसे पहुंचे और इनका अंतिम निशाना क्या था।


