भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताकर आखिरकार पृथ्वी पर सकुशल लौट आए हैं। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से फ्लोरिडा के पास समुद्र में उतरे। दुनियाभर में उनकी सुकुशल वापसी की खुशी मनाई जा रही हैं। नासा और एलन मस्क के स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव पृथ्वी पर लौट आए हैं। एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान एस्ट्रोनॉट्स के शरीर की 50 फीसदी लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। मिशन के चलने तक ऐसा होता रहता है। शरीर में खून की कमी हो जाती है और इसे स्पेस एनीमिया कहा जाता है। ये लाल कोशिकाएं पूरे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। ऐसे में हर सेकंड 30 लाख लाल कोशिकाएं नष्ट होती हैं, जिसका विपरीत प्रभाव शरीर पर पड़ता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों में कैल्शियम की कमी भी हो जाती है। धरती पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्री कमजोर, थका हुआ महसूस करते हैं।
फ्रैंक रूबियो सबसे ज्यादा दिन रहे
नीता 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने में तीसरे नंबर पर हैं। 328 दिन क्रिस्टीना कोच, पिग्गी वीटस्न 289 दिन और 371 दिन अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो ने बिताए हैं। कुल मिलाकर सबसे ज्यादा 675 दिन बिताने का रिकॉर्ड के साथ पिग्गी वीटस्न के पास है।
यह होता है नुकसान
अंतरिक्ष में हर सेकंड में 30 लाख लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। जमीन पर यह रफ्तार प्रति सेकेंड दो लाख ही है। जमीन में शरीर इसकी भरपाई कर लेता है।
अंतरिक्ष में रहने के दौरान यात्रियों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
अंतरिक्ष यात्री अपने तलवों की मोटी त्वचा खो देते हैं, खराब दृष्टि, चलने में कठिनाई और चक्कर आना शामिल हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर जीवन के लिए अपने रोजाना के कामकाज को फिर से करने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
खड़े होने, अपनी निगाह को स्थिर करने, चलने और मुडऩे में समस्या हो सकती है।
हृदय से सिर तक रक्त पहुंचाना अधिक कठिन होता है।
हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, खोखलापन बढ़ता है
वजन सहन करने वाली हड्डियों के घनत्व में एक प्रतिशत की कमी हो जाती है। हड्डियां खोखली होकर कमजोर होने लगती है।