भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में पाकिस्तान पर सिंधु जल समझौते (का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि 1960 में हुई यह संधि भले ही जल प्रबंधन का एक सफल उदाहरण रही हो, लेकिन पाकिस्तान ने इसे राजनीतिक हथियार बनाकर इसकी भावना का उल्लंघन किया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर तीन बड़े युद्ध थोपे हैं और हजारों आतंकी हमले किए हैं, जिनमें 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की जान गई है। भारत का कहना है कि आतंकवाद को बढ़ावा देकर पाकिस्तान ने इस समझौते की भावना को तोड़ दिया है, जो सद्भावना और मित्रता के आधार पर तय की गई थी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले जिसमें 28 भारतीय नागरिक मारे गए थे, उसका भी जिक्र किया गया।
समझौते में बाधाएं और पानी बम का दावा
भारत ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर कानूनी अड़चनें पैदा की हैं और भारत को उसके वैध अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की है। भारत ने पाकिस्तान पर संधि के तहत अपेक्षित वार्ता में शामिल होने से इनकार करने का भी आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने भारत पर पानी बम का इस्तेमाल करने का झूठा आरोप लगाया है और सिंधु जल संधि के निलंबन को लेकर दुष्प्रचार फैलाया है। भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है और पाकिस्तान को आईना दिखाया है। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संधियों और मानकों का सम्मान किया है, विशेषकर सिंधु जल संधि जैसे संवेदनशील विषयों पर। हालांकि, पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित करने का फैसला किया है। भारत का कहना है कि यह एक सुविचारित प्रक्रिया का परिणाम है, जो कई कारकों से प्रेरित था। भारत अब सिंधु जल संधि पर नए सिरे से बातचीत की मांग कर रहा है, जो उसके रणनीतिक और पर्यावरणीय हितों के अनुरूप हो। भारत अपने हिस्से के पानी का पूरा उपयोग करने की बात कह रहा है। भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान ने अपनी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों और आतंकवाद को बढ़ावा देकर सिंधु जल समझौते की मूल भावना का उल्लंघन किया है, जिसके कारण भारत को इस संधि को लेकर एक कड़ा रुख अपनाना पड़ा है।