झारखंड के गुमला जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। घाघरा थाना क्षेत्र के लवादाग जंगल में बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में तीन कुख्यात माओवादी मारे गए। यह कार्रवाई झारखंड जगुआर और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा की गई थी।
मुठभेड़ और हथियार बरामदगी
पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली जंगल में छिपे हुए हैं, जिसके बाद संयुक्त टीम ने उनके ठिकाने पर छापा मारा। मुठभेड़ में तीन उग्रवादी मारे गए, जबकि दो अन्य फरार होने में कामयाब रहे।
घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। इनमें एक AK-56 राइफल, एक एसएलआर और एक इंसास राइफल शामिल हैं। इसके अलावा, कई मैगजीन और कारतूस भी जब्त किए गए हैं।
गुमला के एसपी हरिश बिन जमा ने इसे झारखंड पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान की एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस की पहचान के अनुसार, मारे गए उग्रवादियों में से एक दिलीप लोहरा है, जो लंबे समय से सक्रिय था और कई मामलों में वांछित था। बाकी दो की पहचान की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि फरार नक्सलियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।
गांवों में दहशत और राहत
मुठभेड़ के बाद आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि माओवादी लंबे समय से जंगल में सक्रिय थे और लोगों से जबरन लेवी (रंगदारी) वसूलते थे। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में राहत की भावना है और उन्हें उम्मीद है कि इलाके में अब शांति बहाल होगी।
पिछले कुछ हफ्तों से गुमला और आसपास के जिलों में नक्सल सफाया अभियान तेज कर दिया गया है। यह एक महीने के भीतर दूसरी बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक इलाके से माओवादी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म नहीं कर दिया जाता।