More
    HomeHindi NewsDelhi News22 मिनट में ढेर कर दिए थे 100 आतंकी.. संसद में राजनाथ...

    22 मिनट में ढेर कर दिए थे 100 आतंकी.. संसद में राजनाथ ने कहा-घर में घुसकर मारा

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए संसद में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई। पीओके के मुजफ्फराबाद में सवाई नाला, कोटली में अब्बास कैंप, बहावलपुर, मुरीदके, सरजाल आदि स्थानों पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें से 7 ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। राजनाथ ने कहा कि पूरा ऑपरेशन सिर्फ 22 मिनट में समाप्त हो गया और हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा था। 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि यह भारत की संप्रभुता और अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था। सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, उनके आका मारे गए, जिनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।

    वीर सपूतों, बहादुर सैनिकों को नमन

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं देश के उन वीर सपूतों, बहादुर सैनिकों को नमन करता हूं जो राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटे। मैं उन सैनिकों की स्मृति को भी नमन करता हूं जिन्होंने भारत की एकता, अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मैं पूरे देश की तरफ से सभी जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।

    चिदंबरम के बयान पर बोलीं ऐशान्या, ये कोई मुद्दा नहीं, एक दर्द है

    कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने कहा कि मैं इन लोगों की मानसिक स्थिति नहीं समझ पाती हूं कि आपके देश में इतनी बड़ी घटना हुई और आप एक हिंदुस्तानी बनकर नहीं सोच पा रहे हैं। आप इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये कोई मुद्दा नहीं है, ये एक दर्द है। ये हम 26 लोगों का दर्द है जिसे एक राष्ट्रीय दर्द होना चाहिए। जब ये घटना हुई, तब कई नेता हमसे मिलने आए थे। राहुल गांधी भी आए थे। वे महसूस कर रहे थे कि हम आतंकवादी हमले को महसूस करके आए हैं। वे हमारे साथ खड़े थे और उन्हीं के नेता इस प्रकार की बात कर रहे हैं।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments