देश के 100 शहरों को आने वाले सालों में बुजुर्गों, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों के लिए सुलभ व समावेशी बनाने के लिए आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। दिल्ली में आयोजित समारोह में आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन की संस्थापक जूही राजपूत और स्मार्ट सिटीज मिशन के संयुक्त सचिव राहुल कपूर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
बता दें कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई ‘सुलभ भारत अभियान’ (सुगम्य भारत अभियान) के तहत यह पहल दिव्यांगों के लिए बाधा मुक्त शहरी विकास का समर्थन करती है। साथ ही यह एक वैश्विक उदाहरण स्थापित करने की दिशा में भारतीय शहरों की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। गौरतलब है कि ‘एक्सेसिबल सिटीज’ आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन द्वारा अपने प्लेटफॉर्म ‘अलायंस फॉर इंक्लूजन एंड एक्सेसिबिलिटी’ के माध्यम से शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत 100 शहरों को उनके बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांतों को लागू करना है। जिसके तहत इन शहरों में आवासीय और वाणिज्यिक भवन, सार्वजनिक स्थान, सड़कें, पार्क, खुले और मनोरंजक स्थान आदि शामिल हैं।
इस योजना के पहले चरण में पूरा फोकस इन शहरों को शॉर्टलिस्ट करने और सार्वभौमिक डिजाइन विनिर्देशों पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर लोगों को जागरुर जागरूकता पैदा करने पर होगा। जबकि दूसरे चरण में भविष्य की सभी परियोजनाओं में डिजाइन और मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस अवसर पर आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन की संस्थापक जूही राजपूत ने कहा कि विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं में सुगमता के लिए ‘सुलभ भारत’ प्रमाणन सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांतों और मानकों के अनुपालन में विकसित परियोजनाओं को प्रदान किया जाएगा। वहीं, स्मार्ट सिटीज मिशन के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक राहुल कपूर ने इस मौके पर आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन द्वारा की गई पहल की सराहना की और इस पहले को लेकर स्मार्च सिटीज मिशन की प्रतिबद्धता को दोहराया।