प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस के ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि में ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए, जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें पक्षपात रहित गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए। लोगों को केन्द्रित करने वाले एप्लिकेशन बनाने चाहिए। पीएम ने कहा कि हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो। मोदी ने कहा कि एआई पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को नया आकार दे रहा है। एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है।
सावधानी से सोचने की आवश्यकता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट किसी एआई ऐप पर अपलोड करते हैं तो यह सरल भाषा में बता सकता है कि इसका क्या मतलब है। लेकिन यदि उसी ऐप से किसी व्यक्ति की बाएं हाथ से लिखने की छवि बनाने के लिए कहते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि ऐप किसी व्यक्ति को उसके दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में यही बात हावी है। पीएम ने कहा कि यह दर्शाता है कि एआई की सकारात्मक क्षमता बिल्कुल अद्भुत है। लेकिन इसमें कई पूर्वाग्रह हैं जिनके बारे में हमें सावधानी से सोचने की जरूरत है। मैं अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों का शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने और इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए आभारी हूं।