नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इटली की यात्रा पर पहुंचे और वहां उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। चूंकि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इटली की ही मूल निवासी हैं। ऐसे में अगर आप सोच रहे होंगे कि कांग्रेस इस बात से नाराज है, तो ऐसा नहीं है। कांग्रेस को डर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला है। यह घोटाला यूपीए-2 में हुआ था। तब खुलासा हुआ था कि घोटाले में बिचौलियों और राजनेताओं को रिश्वत दी गई थी। हाल ही में यह दावा किया गया कि इटली ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले पर अपनी अदालत के विस्तृत फैसले और घोटाले से संबंधित दस्तावेज भारत से साझा किए हैं। इससे भारत के कई बड़े नेता और बिचौलियों के चेहरों से नकाब हट सकता है।
खुल सकती हैं घोटाले की परतें
दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी के इटली से लौटने के बाद इस घोटाले की जांच तेज हो सकती है। पीएम मोदी खुद चुनावी नतीजों के बाद कह चुके हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच तेज गति से होगी। दरअसल इटली में 2013 में यह फैसला आया था, तब यूपीए सरकार के दबाव में तत्कालीन इटली सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया था। इन दस्तावेजों में भारत के प्रमुख राजनीतिक परिवारों और बिचौलियों के नामों का खुलासा हो सकता है। आरोप हैं कि वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला 600 करोड़ का था। यह रकम रिश्वत के रूप में दी गई थी। भारत में रिश्वत लेने वालों के नाम के दस्तावेजों को तब सील कर दिया गया था। अब दावा है कि इटली ने जो दस्तावेज भारत को सौंपे हैं, उनमें कई बड़े नाम भी हैं। इससे यूपीए-2 के दौरान सत्ता में बैठे लोगों में हडक़ंप की स्थिति है।