आप सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। जब कोर्ट रूम में सीएम आवास का वीडियो दिखाया गया तो स्वाति मालीवाल अपने आंसू नहीं रोक पाईं और रोने लगीं। सीएम अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने स्वाति मालीवाल के सीएम आवास में आने को अतिक्रमण बताया। उन्होंने आईपीसी की धारा 308 पर सवाल उठाए। हालांकि दिल्ली पुलिस ने अपनी दलील में जमानत याचिका का विरोध किया। बहरहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
मारपीट-घसीटने से मौत भी हो सकती थी
दिल्ली पुलिस के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी एक अकेली महिला को मारते हैं, सीएम आवास में उन्हें घसीटा जाता है। छाती और गर्दन पर पर भी मारा गया। इससे स्वाति की मौत भी हो सकती थी। पुलिस के वकील ने दलील दी कि अगर स्वाति सोची-समझी साजिश के तहत सीएम आवास गई थीं तो वे मौजूदा सांसद हैं। पार्टी कहती है कि वो वे लेडी सिंघम हैं। कोई महिला संकट में होती है तो स्वाति को बुलाया जाता है। आप कह रहे हैं कि वह बिभव की छवि खराब करना चाहती थीं। लेकिन सवाल यह है कि जब बिभव की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं, तो फिर वहां पर रहने का उन्हें कोई अधिकार ही नहीं था। वहीं बिभव का का कहना था कि स्वाति जबरन सीएम आवास में घुस रही थीं। जब उन्हें रोका गया तो वे बहस करने लगीं। उन्हें पूरे सम्मान के साथ सुरक्षा कर्मी बाहर लाए। आखिर यह घटना हुई कहां?