लखनऊ के अलीगंज में हनुमान मंदिर है जो हिंदू-मुस्लिम एकता का केंद्र है। उत्तर प्रदेश हज कमेटी के चेयरमैन और बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने कहा कि इसका निर्माण वाजिद अली शाह की दादी के आदेश पर किया गया था। दरअसल इसकी भी एक लंबी कहानी है। दरअसल अवध के नवाब शुजाउद्दौला की एक बेगम हिंदू थी जिन्हें छतर कुंअर और बेगम आलिया भी कहा था। माना जाता है कि रामायण काल में जब लक्ष्मण और हनुमान जी माता सीता को वन में छोडऩे के लिए बिठूर जा रहे थे, तब रात होने के कारण वे इसी स्थान पर रुके थे। तब से इसे हनुमान बाड़ी कहा जाने लगा। लेकिन मुगल काल में इसे इस्लाम बाड़ी कर दिया गया।
ऐसे हुई थी स्थापना
कहा जाता है कि बेगम आलिया को एक दिन सपने में बजरंग बली आए और यहां मूर्ति होने की बात कही। बेगम ने जमीन को खुदवाया तो प्रतिमा पाई गई। इस मूर्ति की उन्होंने श्रद्धाभाव से मंदिर बनाकर स्थापना कराई। तब से यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन गया है।
मुस्लिम बेगम ने कराया था मंदिर निर्माण.. लक्ष्मण-सीता और हनुमान भी रुके थे यहां
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