अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा और विदेशी कुशल कर्मचारियों के मामले में अपने पहले के सख्त रुख से नरमी दिखाई है। उन्होंने स्वीकार किया है कि अमेरिका को अपनी इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी टैलेंट की जरूरत है।
ट्रंप का बदला हुआ बयान
एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका केवल लंबे समय से बेरोजगार बैठे लोगों पर निर्भर नहीं रह सकता।उन्होंने माना कि अमेरिका को अपने उद्योगों और रक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले लोगों की जरूरत है। ट्रंप ने कहा, “मैं सहमत हूं कि हमें अमेरिकी मजदूरों की तनख्वाह बढ़ानी चाहिए, लेकिन हमें यह टैलेंट भी लाना होगा। अमेरिका को दुनिया में आगे बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।”
नई वीजा नीति में बड़ा बदलाव
ट्रंप के रुख में नरमी आने से पहले, सितंबर महीने में एक आदेश पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क में बड़ा इजाफा किया गया है: नए वीज़ा के लिए अब 1,500 डॉलर की जगह 1 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹83 लाख) फीस देनी होगी। यह नया नियम 21 सितंबर के बाद दाखिल किए गए सभी नए आवेदनों या 2026 की वीज़ा लॉटरी में शामिल होने वालों पर लागू होगा। जो लोग पहले से वीज़ा पर हैं या जिनके आवेदन पहले दिए गए थे, वे इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे।


