More
    HomeHindi NewsDefenceऑपरेशन सिंदूर में प्राइवेट कंपनियों का बड़ा रोल.. काम आया मोदी का...

    ऑपरेशन सिंदूर में प्राइवेट कंपनियों का बड़ा रोल.. काम आया मोदी का ये दांव

    एक समय था जब भारत तकनीक के मामले में विदेशों पर निर्भर था, लेकिन अब समय बदल चुका है। इसका परिणाम है कि ऑपरेशन सिंदूर में प्राइवेट कंपनियों ने भारतीय सेना की जमकर मदद की। पहले, रक्षा प्रणाली में सरकारी कंपनियां और विदेशों से आई तकनीक ही मुख्य थीं। लेकिन अब प्राइवेट कंपनियां इस परिदृश्य को बदल रही हैं। वे न केवल कमियों को भर रही हैं, बल्कि नए और उन्नत समाधान भी प्रदान कर रही हैं। ये सब मेक इन इंडिया का ही परिणाम है।

    ये कंपनियां आगे आईं

    टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TAS) जैसी कंपनियां हवाई और रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं। यह कंपनी भारतीय सेना को रडार, मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (UAV) सिस्टम जैसे कई महत्वपूर्ण समाधान देती है। TAS एयरबस स्पेन के साथ मिलकर C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का उत्पादन भी करती है, जो गुजरात के वडोदरा में भारत के पहले प्राइवेट मिलिट्री एयरक्राफ्ट प्लांट में बनता है।
    पारस डिफेंस कंपनी स्वदेशी डिजाइन, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग के लिए जानी जाती है। यह इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ऑप्टिक्स और ड्रोन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रही है। इन प्राइवेट कंपनियों के सहयोग से भारतीय सेना की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में उन्हें काफी मदद मिली है। ड्रोन और रडार सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता ने सेना की निगरानी और कार्रवाई क्षमताओं को कई गुना बढ़ा दिया है।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments