विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कच्चातिवु द्वीप के मामले में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रेस कान्फें्रस में उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और डीएमके ने इस मामले को इस तरह से लिया है, मानो इस पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। जयशंकर ने कहा कि 1974 में भारत और श्रीलंका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जहां उन्होंने एक समुद्री सीमा खींची और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को श्रीलंका के पक्ष पर रखा गया।
श्रीलंका ने 20 वर्षों में 6184 मछुआरे पकड़े
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में श्रीलंका ने 6184 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया है। इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकडऩे वाली नौकाओं को श्रीलंका ने जब्त किया है। पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवु मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा और मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। यह एक जीवंत मुद्दा है, जिस पर संसद और तमिलनाडु में बहुत बहस हुई है।
देश जानना चाहता है क्यों दिया कच्चातिवु द्वीप.. एस जयशंकर ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा
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