Saturday, July 27, 2024
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कागज के नोटिया की कदर नहीं है.. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया ये लोकगीत

लोकसभा चुनाव के लिए सभी दल अपने-अपने प्रचार में लगे हुए हैं। जहां भाजपा मोदी पर केंद्रित वीडियो बनवाकर उन्हें जमकर शेयर करवा रही है, तो कांग्रेस और अन्य दल भी पीछे नहीं हैं। केंद्र सरकार जहां वाहवाही लूटने में लगी है, तो विरोधी दल उसकी नाकामियां बताने में लगे हैं। एक ऐसा ही वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स एकाउंट से शेयर किया है, जिसमें महिलाएं लोकगीत गाते हुए नजर आ रही हैं। वे गा रही हैं कि आ गया मोदी जमाना, समधी तिलक जमकर चढ़ाना। कागज के नोटिया की कदर नहीं है, चांदी के सिक्के चढ़ाना..! अखिलेश ने लोकगीत के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

यह बोले अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि जब सत्ता में बैठी सरकार के खिलाफ़ गाँव-गाँव में ताना देते हुए, कटाक्ष करते हुए व्यंग्यात्मक लोक गीत बनने लगें तो समझ लेना चाहिए कि आम जनता किस तरह आज की सरकार को हटाने के लिए बेचैन है। ये आम लोगों का ग़ुस्सा है जो मुँह पर लोकगीत बनकर आया है, जिसमें भावार्थ रूप में आसान लोक भाषा-शैली में गाकर समझाया जा रहा है कि आज की सरकार के जमाने में कागज के नोट का कोई भरोसा नहीं रहा, अर्थात् वो कभी भी बंद किया जा सकता है, इसीलिए आम जनता के लिए चाँदी के सिक्कों का ही महत्व रह गया है।

गाँव-गाँव कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा

अखिलेश ने कहा कि हम जनता से आग्रह करते हैं कि ऐसी बातों को हम तक पहुँचाएं जिसमें भाजपा सरकार की पोल खोली गई हो। हम उसे अपने माध्यम से पूरे देश-प्रदेश में और भी बड़े स्तर पर उसे जनता तक पहुँचा देंगे। अंत में अखिलेश ने लिखा कि गाँव-गाँव कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

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