More
    HomeHindi NewsHaryana'हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ के भाव से किया काम : मनोहर लाल

    ‘हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ के भाव से किया काम : मनोहर लाल

    फरीदाबाद में द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं एवं विचारों से अवगत करवाने हेतु प्रारम्भ किए गए गांव चलो अभियान के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल हुए। उन्होंने समर्पित एवं उत्साही भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण वर्ग में सम्मिलित होकर आगामी कार्य योजनाओं पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता सेवा के हर अवसर को पूरे समर्पण के साथ निभाकर परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं के संकल्प को चरितार्थ करते हैं। उन्होंने कहा कि एक नए एवं जीवंत हरियाणा का उदय सुनिश्चित करने के लिए प्रशंसा की इच्छा त्यागकर, दायित्व पूरा करने के लिए हमारी सरकार पिछले 9 वर्षों से अंत्योदय सेवाभाव के साथ निरंतर कार्य कर रही है।
    हरियाणा ने कर दिखाया है
    सीएम ने कहा कि हरियाणा का इतिहास रहा है कि पूर्व के जो नेता थे, वे मुख्यमंत्री तो पूरे प्रदेश के होते थे किन्तु विकास सिर्फ एक-दो जिले का ही करते थे। हमने हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ के भाव के साथ पूरे प्रदेश में विकास के कार्य करवाए हैं। हरियणा ने भर्तियों में पारदर्शिता, पर्ची-खर्ची सिस्टम बंद कर भाई-भतीजा-परिवारवाद पर पाबंदी लगाई है। सीएम ने कहा कि हमने इन सभी कुप्रथाओं पर विराम लगाकर मेरिट आधारित भर्तियां पूरी की हैं, यह मेरे साथ-साथ हमारी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
    उन्नति का आकलन कर प्रेरित किया
    फरीदाबाद में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एवं उपस्थित गणमान्य लोगों एवं ज्ञानियों के समूह का मैं सीएम ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि सभी ने 2014 के पश्चात हरियाणा की उन्नति का आकलन कर हमें और सुधार के लिए कार्य करने की दिशा में निरंतर प्रेरित किया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी ने मेरे हरियाणा परिवार के बालक-बालिकाओं को उनकी योग्यता पर मिल रही नौकरियों की प्रशंसा की, जिसके लिए मैं उनका हृदय से आभारी हूँ।
    हरियाणा ने उदाहरण पेश किया
    धनखड़ ने कहा कि हरियाणा ने सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को ईमानदार और पारदर्शी बनाकर एक उदाहरण पेश किया है। एक समय था, जब आम बालक-बालिका को लगता था कि योग्यता से नौकरी नहीं मिलेगी, कोई दूसरा रास्ता अपनाना पड़ेगा। लेकिन दशकों की ये संस्कृति बदली है।
    राम-राम कहना मेरा फर्ज बनता है
    उपराष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा की भूमि पर आया हूं तो राम-राम कहना मेरा फर्ज बनता है। 22 जनवरी को हमारी पांच सौ साल की पीड़ा खत्म हो गई, जब अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम आग नहीं ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं समाधान हैं, राम सबके हैं। तो राम-राम कहना बनता है।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments