हरियाणा के पंचकूला में मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत आयोजित नैतिकता शिविर (एथिक्स कॉन्कलेव) में सुधांशु जी महाराज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर्मयोगी हैं और वे मुख्यमंत्री की सादगी व अपनेपन से काफी खुश और प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि वे राजनेताओं से कम मिलते हैं परंतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल नेता कम अपने ज्यादा लगते हैं। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि अपने स्वभाव में कर्मयोग लाएं, तभी जीवन कर्मयोगी बनता है। उन्होंने कहा कि आज अधिकारियों के पास ऐसा समय है, जिसका उपयोग करते हुए वे इतिहास लिखें ताकि आने वाली पीढिय़ा उनकी मिसाल दे सकें।
हरियाणा पहला राज्य, जहां प्रशिक्षण : संजीव कौशल
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि उन्हें गर्व है कि हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जहां हर कर्मचारी व अधिकारी को नैतिकता के विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों के कौशल और दक्षता विकास के साथ-साथ समाज के प्रति उनकी जवाबदेही को बढाना है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कार्योंे और निर्णयों के प्रति हमारी जवाबदेही अवश्य होनी चाहिए। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जो कर रहें है या निर्णय ले रहें हैं उसका आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, हिपा की महानिदेशक श्रीमती चंद्रलेखा बैनर्जी सहित प्रदेशभर से आए हुए सिविल और पुलिस सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे।
शासन में अच्छे प्रवृति के लोग भी बहुत हैं : मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और हरियाणा सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित कर कहा कि 2014 में जब उन्होंने सत्ता की बागडोर संभाली तब शासन और अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को लेकर उनके मन में कई तरह के प्रश्न थे। शासन में अच्छे प्रवृति के लोग भी बहुत हैं। बदलाव की आवश्यकता को देखते हुए हमनें 25 दिसंबर 2015 को प्रथम सुशासन दिवस पर व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक पहल की शुरुआत की। पिछले साढ़े 9 सालों में हमने सुशासन की दिशा में अनेक सफल कार्य किए हंै, परंतु अभी भी बहुत कुछ करना शेष है और इसके लिए आप सभी का सहयोग अति आवश्यक है।