छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार अब तकनीक को बढ़ावा देने में लगी हुई है। सीएम विष्णु देव साय ने एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। सरकार का दावा है कि इसका फायदा भी मिलेगा। अगर सब कुछ सही रहा तो ग्राम पंचायत से लेकर मुख्यालय तक हर विभाग अब एआई की जद में होगा। राज्य सरकार ने हर विभाग में ज्यादा से ज्यादा डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। यह पहली बार होगा, जब सभी विभागों को एक साथ डिजिटल तकनीक और नेटवर्किंग के साथ जोड़ा जाएगा। इससे आम लोगों को सभी विभागों की आनलाइन सेवाएं मिलेंगी। जनता को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं के साथ जोडऩे का काम किया जा सकेगा। सरकार ने आइटी सेवाओं के लिए 266 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
सिस्टम में पारदर्शिता आएगी
वित्तमंत्री ने बजट सत्र में कहा था कि पिछली सरकार ने कई विभागों के आनलाइन सिस्टम को अलग कर आफलाइन सिस्टम लागू करवाया था। कोयला पर तकनीक आधारित रायल्टी सिस्टम को हटाकर लालफीताशाही लागू कर दी। लेकिन अब एआई से इन गड़बडिय़ों पर रोक लगेगी। इससे टैक्स चोरी रुकेगी और पारदर्शिता आएगी। खनिज विभाग ने टेंडर, नीलामी से लेकर आवंटन की प्रक्रिया के लिए खनिज आनलाइन 2.0 लांच कर दिया है। राज्य जल सूचना केंद्र से लेकर वित्त विभाग आइएफएमआइएस 2.0 पर काम कर रहा है।
तकनीक आधारित प्रयोगों से सरकार के खजाने में लीकेजों को रोकेंगे। टैक्स की दर में वृद्धि किए बिना पारदर्शी तकनीक आधारित करारोपण को अपनाकर सरकार के राजस्व में वृद्धि करेंगे। छत्तीसगढ़ सेंटर फार स्मार्ट गवर्नेंस की स्थापना की जाएगी। तकनीक आधारित रिफार्म और सुशासन से आने वाले पांच वर्षों में जीएसडीपी पांच लाख करोड़ से बढक़र 10 लाख करोड़ पहुंचाने में बड़ी मदद मिलेगी।
ओपी चौधरी, वित्त मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन।