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    पंचायत सचिव के बेटे का कमाल,22 की उम्र में UPSC में हासिल की कामयाबी

    जिंदगी में उम्र के किसी भी पड़ाव में कामयाबी मिल सकती है, बशर्ते व्यक्ति के पास काबिलियत होनी चाहिए। इस बात को हकीकत में बदल कर दिखाया है
    सारांश गुप्ता ने जिसने 22 साल की उम्र में ही यूपीएससी जैसी सबसे कठिन परीक्षा में बाजी मारी है। सारांश ने इस छोटी उम्र में ही आईईएस के अपने सपने को पूरा कर लिया है। आइये जानते हैं कौन है ये होनहार शख्स ?

    एमपी के छोटे से गाँव से ताल्लुक

    सारांश मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर शिवपुरी के रहने वाले हैं। सारांश के पिता संजीव गुप्ता पंचायत सचिव हैं। वहीं, मां गृहिणी हैं. उनके बड़े भाई और बहन एक बैंक में काम करते हैं। एक इंटरव्यू में सारांश ने बताया कि उनके घर में हमेशा पढ़ाई का माहौल रहा और उन्हें परिवार से पूरा सहयोग मिला।

    12वीं कक्षा के बाद, उन्होंने जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा उत्तीर्ण की और आईआईटी बीएचयू में प्रवेश लिया और अपनी सिविल इंजीनियरिंग पूरी की। उनकी काबिलियत के कारण उन्हें पढ़ाई के दौरान ही नौकरी के ऑफर मिलने लगे।उन्हें 16 लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी ऑफर की गई थी।लेकिन सारांश ने मोटी वेतन ठुकराकर सिविल सर्विज में जाने का फैसला किया।

    देश के सबसे युवा आईएएस अधिकारी

    उन्होंने अपनी यूपीएससी आईईएस की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सिर्फ एक साल के बाद अपने उच्च-भुगतान वाले पेशे को छोड़ने का विकल्प चुना। वहीँ कड़ी मेहनत के बाद सारांश ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी आईईएस में सफलता हासिल कर ली। सारांश देश के सबसे युवा IES (भारतीय इंजीनियरिंग सेवा) अधिकारी बन गए हैं। उन्हें देश में 20वीं रैंक मिली है.

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