देश में अपराध और न्यय के लिए रविवार रात 12 बजे के बाद यानि कि 1 जुलाई 2024 से 3 नए कानूनों का आगाज हो गया है। इसी के साथ अंग्रेजों के बनाए कानून जो आजादी के 7 दशक बाद भी लागू थे, वे अब इतिहास बन गए। नए कानून से अब संगीन अपराधाी नहीं बच पाएंगे। पुलिस जांच में हर कदम पर वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। नए कानूनों का देशभर में स्वागत हो रहा है, तो पुलिसकर्मियों और न्यायविद इनका अध्ययन कर रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आईए बताते हैं कि एक्सपर्ट इस पर क्या कह रहे हैं।
सब कुछ टेक्रोलॉजी बेस्ड हो जाएगा : किरण बेदी
3 नए आपराधिक कानूनों पर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि इससे मुझे सबसे बड़ा लाभ यह दिखता है कि इससे जवाबदेही, पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी, पीडि़तों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई होगी। अभियुक्तों के अधिकारों के लिए पुलिस को फिर से प्रशिक्षण मिल रहा है। सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी का रेजोल्यूशन हो रहा है क्योंकि अब एफआईआर टेक्नोलॉजिकल हो जाएंगी, चार्जशीट टेक्नोलॉजी हो जाएंगी।
डिजिटल साक्ष्य पर बहुत जोर : छाया शर्मा
स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने कहा कि आज से 3 नए आपराधिक कानून लागू होना शुरू गए हैं। आज से इसमें एफआईआर दर्ज होना भी शुरू हो जाएंगे। इस कानून से हम दंड से न्याय की ओर जा रहे हैं। इसमें डिजिटल साक्ष्य में बहुत जोर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब साक्ष्य डिजिटली रिकॉर्ड होंगे और जब डिजिटली रिकॉर्ड होता है तो बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जा सकता। डिजिटली रिकॉर्ड से कोर्ट को समझने में ज्यादा आसानी होगी। दिल्ली पुलिस ने ऐप भी बनाया है। एक पॉकेट बुकलेट तैयार की है जिसे 4 भागों में विभाजित किया गया है। इसमें आईपीसी से लेकर बीएनएस तक, बीएनएस में जोड़ी गई नई धाराएं, श्रेणियां जो अब 7 साल की सजा के अंतर्गत आती हैं और एक तालिका शामिल है इसमें रोजमर्रा की पुलिसिंग के लिए आवश्यक अनुभाग शामिल हैं।
30 दिन के अंदर फैसला आना चाहिए : गीता लूथरा
भारत सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा कि मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के इतने सारे फैसलों का सारांश इन नए कानूनों में डाल दिया गया है। आलोचना थी कि हमारे सिस्टम में देरी हो रही है।इसलिए इसे हल करने के लिए एक समाधान की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा है कि अब 30 दिन के अंदर फैसला आना चाहिए।