अपनी गीतों से दुनियाभर में नाम कमाने वाले सिद्धू मूसेवाला की दूसरी पुण्यतिथि है, और उनके प्रशंसक और संगीत प्रेमी उन्हें बेहद भावुकता और सम्मान के साथ याद कर रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला, जिनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था, ने अपने संगीत और बोल के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ी है। उनका सफर, संघर्ष और सफलता की कहानी आज भी युवाओं को प्रेरित करती है।
मूसेवाला का सफर
सिद्धू मूसेवाला का जन्म 11 जून 1993 को पंजाब के मंसा जिले के मूसा गाँव में हुआ था। बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक था, और उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में कई मंच प्रस्तुतियाँ दीं। उनके करियर की शुरुआत 2017 में हुई जब उन्होंने अपना पहला गाना “सो हाई” रिलीज किया। इस गाने ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया और इसके बाद उनके पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही नहीं उठा।
अद्वितीय शैली और बोल
सिद्धू मूसेवाला की संगीत शैली और बोल उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाते हैं। उनके गाने समाज की सच्चाइयों और युवाओं के मनोभावों को बखूबी दर्शाते हैं। “लेजेंड”, “ऑल्ड स्कूल”, “ऑटोग्राफ” और “295” जैसे गानों ने उन्हें भारतीय संगीत जगत में एक विशेष स्थान दिलाया। उनके गानों में पाई जाने वाली सच्चाई और बेबाकी ने युवाओं के बीच उन्हें एक आइकन बना दिया।
विवाद और आलोचना
सिद्धू मूसेवाला का जीवन और करियर हमेशा से ही विवादों से घिरा रहा। उनके बेबाक और साहसी बोलों ने कई बार विवाद खड़े किए। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी आवाज को दबने नहीं दिया और हमेशा अपने विचारों को खुलकर व्यक्त किया। उनकी यही बेबाकी और साहस उनके फैंस को सबसे अधिक प्रभावित करती है।
अंतिम समय और विरासत
29 मई 2022 को, सिद्धू मूसेवाला की दुखद हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। उनकी मृत्यु ने उनके प्रशंसकों और परिवार को गहरे शोक में डाल दिया। हालांकि, उनकी संगीत विरासत आज भी जीवित है और उनके गाने उनके प्रशंसकों के दिलों में बसे हुए हैं। उनकी पुण्यतिथि पर, फैंस और म्यूजिक प्रेमी उनके गानों को सुनकर और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।