जब हज़ारों उम्मीदवार अपनी मेहनत और सपनों को लेकर UPSC CSE परीक्षा में शामिल होते हैं, तो वे देश सेवा और जनता का सम्मान पाने का सपना देखते हैं। यह परीक्षा न केवल कठिन है, बल्कि सफलता पाने के लिए अनगिनत मेहनत, समर्पण और सही रणनीति की भी मांग करती है। बहुत से अभ्यर्थी कोचिंग कार्यक्रमों की मदद से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी विशेष सहायता के ही सफलता की बुलंदियों को छू लेते हैं। ऐसे ही प्रेरणादायक कहानियों में से एक है महेंद्रगढ़, हरियाणा की दिव्या तनवर की कहानी।
कोचिंग के बिना सफलता की उड़ान
दिव्या तनवर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों में पूरी की। इसके बाद उन्हें महेंद्रगढ़ के नवोदय विद्यालय में प्रवेश मिला। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा रास्ते में नहीं आ सकती।
ऑनलाइन संसाधनों का सही उपयोग
दिव्या के पास कोचिंग की सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करके तैयारी की। उनकी मेहनत रंग लाई और 2021 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 438 हासिल कर UPSC की सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली। यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि उन्होंने केवल 21 वर्ष की उम्र में यह सफलता पाई और भारत की सबसे युवा IPS अधिकारी बनीं।
लगातार दो वर्षों में बड़ी सफलता
इसके बाद, 2022 में, 22 वर्ष की आयु में, उन्होंने फिर से UPSC CSE परीक्षा दी और AIR 105 प्राप्त किया। इस तरह, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और आत्म-विश्वास से एक IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
सोशल मीडिया पर प्रेरणा की किरण
आज, IAS दिव्या तनवर के पास 1,58,000 से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स हैं और वे अपने प्रेरणादायक पोस्ट्स से अन्य अभ्यर्थियों को निरंतर प्रेरित करती रहती हैं।
UPSC: सरकारी तंत्र की नींव
UPSC परीक्षा, जो भारतीय सरकारी तंत्र की नींव है, में सबसे प्रतिष्ठित करियर विकल्पों में भारतीय विदेश सेवा, भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) शामिल हैं।
असफलताओं से न डरें, सफलता आपकी राह देख रही है
दिव्या तनवर की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है जो दृढ़ संकल्प और सही रणनीति से किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं। उनका जीवन यह संदेश देता है कि अगर मन में सच्चा समर्पण और मेहनत करने की इच्छा हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।