Sunday, July 7, 2024
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पिता ढोते थे ईंटे,माँ ने रसोई में किया काम,बेटा मेहनत कर बना IPS

उसके पिता मजदूरी का काम करते थे। माँ लोगो के घरो में जाकर रसोई में काम करती थी। लेकिन बेटे ने संघर्ष के इन रास्तो पर हार नहीं मानी और देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में सफलता हासिल कर आईपीएस अफसर बनकर दिखाया। ये कहानी है आईपीएस सफ़ीन हसन की. वह एक मजदूर का बेटा है, जिसने 2018 में 570 की अखिल भारतीय रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बाजी मारकर पूरे देश में अपने परिवार का नाम रौशन किया।

सफीन को इस सफलता ने 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का आईपीएस अधिकारी बना दिया। हालाँकि यहाँ तक पहुँचने का सफर कभी भी सफीन के लिए आसान नहीं था।

कौन है सफीन हसन ?

सफ़ीन के माता-पिता एक हीरे की इकाई में काम करते थे लेकिन 2000 में उनकी नौकरी छूट गई। रिपोर्टों के अनुसार, उनकी माँ ने दूसरों के घरों में रसोइया के रूप में काम करना शुरू कर दिया, जबकि उनके पिता दिन में ईंटें ढोते थे। सफ़ीन हसन का जन्म 21 जुलाई 1995 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुजरात के कनोदर गाँव में पूरी की। उनके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण स्कूल ने उनकी 11वीं और 12वीं कक्षाओं की फीस माफ कर दी थी। जब उन्होंने एक इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला लिया, तो सफीन के रिश्तेदारों ने ट्यूशन फीस में उनकी मदद की।

सबसे कम उम्र में बने आईपीएस

सफीन 2017 में यूपीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे, तभी एक दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।फिर भी वह परीक्षा में शामिल हुआ। बाद में उन्हें गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके लिए उन्हें कई ऑपरेशन और फिजियोथेरेपी सत्र भी कराने पड़े। सफीन के प्रयास और दृढ़ संकल्प रंग लाए और उन्होंने 2018 में 570 की अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) हासिल की। ​​इसके बाद उन्होंने 23 दिसंबर, 2019 को भारत के जामनगर जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक का पद हासिल किया।

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