मुझे नाव चलाने से मत रोको,मैं घर में कमाने वाली इकलौती हूँ,इसी नाव से मेरा घर चलता है और मेरा परिवार दो रोटी खा पाता है, मुख्यमंत्री जी मेरी मदद कीजिये मैं तो बस काम करना चाहती हूँ लेकिन वह भी मुझे करने नहीं दिया जा रहा है” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मदद की गुहार लगाने वाली इस लड़की का नाम नीतू है जो जबलपुर के नर्मदा तट स्तिथ गौरीघाट की इकलौती महिला नाव चालक है।नीतू पिछले कई दिनों से नाव चलाकर अपने परिवार का गुजारा कर रही थी,लेकिन अब ठेकेदारों की तानाशाही और महिला विरोधी मानसिकता ने नीतू की पतवार पर पाबंदी लगा दी है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल मध्य प्रदेश के जबलपुर के गौरीघाट में नीतू बर्मन पूरे घाट में इकलौती महिला नाव चालक है.21 वर्षीय नीतू अपने घर में कमाने वाली इकलौती है। नीतू के पिता भी पहले नाव चलाते थे। लेकिन हाँथ में चोंट लगने के कारण वे अब पतवार नहीं थाम पा रहे हैं।ऐसे में नीतू ने दो रोटी की भूख मिटाने के लिए ये साहसिक कदम उठाया और नर्मदा की उफान मारती लहरों के बीच नाव चलाने लगी। यही नहीं नीतू ने सिर्फ दसवीं तक ही पढ़ाई की है लेकिन वह अंग्रेजी के कई शब्दों का इस्तेमाल करती है और गौरीघाट में आने वाले पर्यटकों के लिए टूर गाइड का रोल भी निभाती है।
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सीएम मोहन यादव से मांगी मदद
लेकिन नीतू को उसके इस साहसिक कदम के लिए सराहना की बजाय प्रताड़ना मिलने लगी। घाट के पुरुष नाविकों को नीतू का नाव चलाना रास नहीं आया और उन्होंने घाट के ठेकेदार से इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद ठेकेदार ने नीतू की पतवार पर पाबन्दी लगा दी। ऐसे में अब नीतू ने अपने परिवार की सहायता के लिए मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री मोहन यादव से गुहार लगाई है।नीतू का कहना है कि देश में महिलाएं हवाईजहाज तक चला रही हैं लेकिन मुझे एक नाव चलाने से रोका जा रहा है।