Tuesday, July 16, 2024
HomeHindi Newsश्रीराम, विक्रमादित्य और राजा भोज.. सुशासन ही सबका रहा मूलमंत्र : डॉ....

श्रीराम, विक्रमादित्य और राजा भोज.. सुशासन ही सबका रहा मूलमंत्र : डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी संस्था के तत्वाधान में आयोजित सुशासन महोत्सव 2024 के मध्यप्रदेश राज्य के सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शासन की व्यवस्थाओं में जनता के प्रति जवाबदेही, पारदर्शिता और सेवा-भाव से सभी को समर्पित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना सुशासन का मूलमंत्र है। भारतवर्ष में आदिकाल से ही सुशासन की परंपरा रही है, चाहे वह भगवान राम का काल हो या सम्राट विक्रमदित्य और राजा भोज का काल। आदिकाल की इसी परंपरा पर चलते हुए मध्य प्रदेश भी सुशासन के नए अध्याय लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुशासन के प्रेरणास्त्रोत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन की परिकल्पना में प्रदेश के मंत्रिमंडल को दक्ष बनाने और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के उद्देश से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई थी। प्रदेश के मंत्रिमंडल को प्रशिक्षण के उपरांत अधिकारियों पर निर्भरता भी कम होगी। सुशासन का महत्व बताते हुए सीएम ने कहा कि सुशासन के जरिए जीवन में बदलाव लाने वाली अंत्योदय आधारित, पारदर्शी, संवेदनशील और गरीबोन्मुखी कार्यप्रणाली की व्यवस्था करना राज्य शासन का ध्येय है, जिससे आम नागरिक भी स्वाभिमान के साथ जीवनयापन कर सके। प्रदेश में शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण सरकार की प्राथमिकताएं हैं, जिस पर पिछले दो माह से काम जारी है। पहली ही कैबिनेट में प्रदेश में सभी जिलों में एक्सीलेंस महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। दुर्दांत अपराधियों के विरुद्ध भी शासन सख्त कार्रवाई कर रही है।

सुशासन महोत्सव का उद्घाटन राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने किया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी के अध्यक्ष देवेन्द्र फडणवीस और उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहत्रबुद्धे भी उपस्थित थे। सत्र का संचालन इंडियन इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप के कोर्स डायरेक्टर प्रो. देवेंद्र पाई ने किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments