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    1 मिलियन डॉलर की कंपनी खड़ी करने वाले श्रीकांत की भूमिका में दिखेंगे राजकुमार राव

    अपनी आगामी फिल्म श्रीकांत-आ रहा है सबकी आंखें खोलने पर अभिनेता राजकुमार राव ने कहा कि श्रीकांत की यात्रा और ये कहानी मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक है। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन में इतना कुछ कैसे हासिल किया, कैसे उन्होंने एक मिलियन डॉलर की कंपनी स्थापित की, यह फिल्म में बताया जाएगा। फिल्म की तैयारी के लिए हम ब्लाइंड स्कूल जाते थे और दृष्टिबाधित लोगों के साथ घंटों समय बिताते थे।

    जानें कौन हैं श्रीकांत बोल्ला
    आंधप्रदेश के एक छोटे से गांव में श्रीकांत बोल्ला का जन्म हुआ था। वे जन्म से ही नेत्रहीन थे और परिवार गरीब और अशिक्षित था। श्रीकांत को जन्म से ही काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वे विज्ञान का अध्ययन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए बोला ने एक मामला दायर किया और छह महीने के इंतजार के बाद उन्हें विज्ञान का अध्ययन करने की अनुमति दी गई। श्रीकांत ने 10वीं और 12वीं में अच्छे नंबर पाए और अमेरिका के मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने अपनी एक कंपनी शुरू की जो आज सफलता की ओर अग्रसर है। श्रीकांत के इन्हीं उतार-चढ़ाव पर आधारित यह फिल्म है, जिसमें आपको राजकुमार राव की शानदार अदाकारी देखने को मिलेगी। यह फिल्म 10 मई को रिलीज होने वाली है।
    ये हैं उपलब्धियां
    -श्रीकांत बोल्ला भारतीय उद्योगपति और बोलैंट इंडस्ट्रीज के संस्थापक हैं।

    2011 में बहु-विकलांगता वाले बच्चों के लिए समनवई केंद्र की सह-स्थापना की, जिसमें ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस शुरू किया जो आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर जीवन के लिए बहु-विकलांगता वाले छात्रों को शैक्षिक, व्यावसायिक, वित्तीय और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करती है।
    -2012 में बोलांट इंडस्ट्रीज शुरू की, जो रतन टाटा की फंडिंग से सुपारी-आधारित उत्पाद बनाती है और कई विकलांग लोगों को रोजगार प्रदान करती है।
    -बोलैंट कंपनी नगरपालिका के कचरे या गंदे कागज से पर्यावरण-अनुकूल पुनर्नवीनीकरण क्राफ्ट पेपर का उत्पादन करता है। पुनर्नवीनीकरण कागज से पैकेजिंग उत्पाद, प्राकृतिक पत्ती और पुनर्नवीनीकरण कागज से डिस्पोजेबल उत्पाद और अपशिष्ट प्लास्टिक को उपयोग करने योग्य बनाता है।
    -बोलैंट ने असाधारण वृद्धि दिखाई है। स्थापना के बाद से प्रतिमाह औसतन 20 प्रतिशत और 2018 में 150 करोड़ रुपए का कारोबार किया है।
    -श्रीकांत सितंबर 2016 में स्थापित सर्ज इम्पैक्ट फाउंडेशन के निदेशक हैं। संगठन का लक्ष्य भारत में व्यक्तियों और संस्थानों को 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।

    -अप्रैल 2017 में बोल्ला को फोब्र्स पत्रिका द्वारा पूरे एशिया में 30 से कम 30 की सूची में नामित किया गया था, जो उस सूची में केवल तीन भारतीयों में से एक थे।

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