देशभर में इन दिनों लोगों को सिर्फ एक ही चीज का इंतजार है और वह है मानसून। लोगों को इंतजार है कि वर्षा की फुहारें पड़ें और गर्मी छूमंतर हो जाए। अभी केरल, असम, मुंबई और कुछ अन्य स्थानों पर बारिश हो रही है। वहीं दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कई राज्यों में बेसब्री से मानसून का इंतजार हो रहाहै। इस वर्ष केरल में मानसून 2 दिन पहले ही आ गया, लेकिन फिर कहीं भटक गया। उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी से बुरा हाल है। पहाड़ोंं से लेकर मैदानी इलाकों तक में हीट वेव चल रही है। मानसून भले ही इस महीने के अंत तक सभी क्षेत्रों को कवर कर ले, लेकिन जून माह में कम बारिश का अनुमान है। ऐसे में जुलाई, अगस्त और सितंबर में पर्याप्त बारिश होने का अनुमान है।
अब आगे बढ़ रहा है मानसून
मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मानसून मुंबई पहुंचने के बाद थोड़ा भटक गया था या कहें कि रुक गया था। अब मानसून ने रफ्तार पकड़ी है और 21-22 जून तक इसके आगे बढऩे का अनुमान है। मानसून के आगे बढ़ेने से उत्तर भारत को भीषण गर्मी से निजात मिल सकती है। 21-22 जून को मानसून के मजबूत होने से महाराष्ट्र के समुद्र तटीय इलाकों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। वैसे 1 जून से शुरू हुए मानसूनी सीजन में देशभर में अब तक 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसकी वजह यह है कि 12 से 18 जून के बीच बारिश ज्यादा नहीं हुई।
देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
वैसे भारत कृषि प्रधान देश है और देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर करती है। ऐसे में मानसून के लेट पहुंचने से कृषि कार्य प्रभावित होगा। अच्छी बारिश हुई तो फसल अच्छी होगी और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। हालांकि अब तक खरीफ की फसल की बुवाई प्रभावित हुई है। ऐसे में बारिश होने पर कृषि कार्य में तेजी आएगी।