Sunday, July 7, 2024
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सीएम खट्टर ने दिया 9 साल के कामकाज का रिपोर्टकार्ड,कही ये बड़ी बातें

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 26 अक्टूबर को अपनी सरकार के 9 साल के कार्यकाल के पूरे होने पर कामकाज का रिपोर्टकार्ड पेश किया है। सीएम खट्टर ने प्रदेश की जनता के नाम लिखे एक सन्देश में 9 सालो के कामकाज का ब्यौरा दिया है। जिसमे उन्होंने 2014 से लेकर अबतक के कार्यकाल की चुनौतियों के बारे में भी बताया।

सीएम खट्टर का सन्देश

सीएम खट्टर ने कहा कि मैं प्रारंभ से ही टेक्नोलॉजी से काफी नजदीक से जुड़ा रहा। इसलिए लगा कि इसकी मदद से ही एक नए हरियाणा का निर्माण किया जा सकता है। हमारी सरकार ने ‘हरियाणा एक, हरियाणवी एक’ की नीति पर चलने का निर्णय लिया। इसमें हमारी फ्लैगशिप स्कीम परिवार पहचान पत्र ने बड़ी भूमिका निभाई। इसके तहत प्रदेशवासियों का पूर्ण विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। इससे लोगों को किसी भी विभाग में कोई भी दस्तावेज जमा करने के झंझट से छुटकारा मिल गया। आज प्रदेश के 96 फीसदी से अधिक परिवारों के पास पीपीपी आईडी है।

सम्मानित जीवन देना ध्येय

सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि मैंने तय किया था कि गरीब, पिछड़ों, दलितों व शोषितों को सम्मानित जीवन देना हमारा ध्येय होना चाहिए। हमने बीपीएल परिवारों की न्यूनतम 1.80 लाख रुपये तक सालाना की। ऐसा करने बाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत हमारा लक्ष्य प्रदेश के एक लाख अति गरीब परिवारों की आय बढ़ाना है। पहले चार चरणों में आयोजित अंत्योदय मेलों में करीब 50 हजार परिवारों को बैंकों से ऋण मुहैया कराए गए।

सीएम खट्टर ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री के आह्वान पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया। आज प्रदेश में लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। लिंगानुपात भी 2014 के 871 से बढ़कर सितंबर, 2023 में 932 हो गया। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की सुनबाई के लिए 16 फास्ट ट्रैक अदालतें गठित हुई हैं और 12 वर्ष तक की बच्चियों से बलात्कार में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

रोजगार पर भी बोले खट्टर

हरियाणा के सीएम ने कहा कि नौकरियों के लिए आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाकर पारदर्शी बना दिया गया है। ग्रुप डी सहित सभी समूहों के लिए सभी लिखित परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया। ग्रुप सी और डी पदों के लिए साक्षात्कार रोक दिए गए, जहां पहले परिणामों में हेरफेर किया गया था। कॉमन पात्रता परीक्षा की शुरुआत की, ताकि युवाओं को नौकरी के लिए न तो बार-बार आवेदन करना पड़े और न हर बार फीस देने की नौबत आए। ग्रुप सी के लिए अब तक 11 लाख युवा परीक्षा में बैठ चुके हैं। ग्रुप डी की परीक्षा 22 अक्तूबर को संपन्न हुई, जिसमें 8.51 लाख उम्मीदबार शामिल हुए। बेरोजगारों के लिए भत्ते की व्यवस्था की।

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