क्या भारत के खिलाफ मिली जीत से फिर शुरू होगा श्रीलंका क्रिकेट का स्वर्णिम समय
Liberal Sports Desk : भारत और श्रीलंका के बीच खेली गई टी20 श्रृंखला में श्रीलंका की टीम ने भारत की टीम को हराकर श्रंखला 2-1 से अपने नाम कर ली। श्रीलंका टीम ने अरसे के बाद किसी भी टीम से कोई श्रंखला जीती है। श्रीलंका के लिए यह जीत बेहद ही महत्वपूर्ण थी क्योंकि श्रीलंका लगातार पिछले कई समय से हार से जूझ रही थी। अब ऐसे में उम्मीद है कि क्या श्रीलंका भारत के खिलाफ मिली इस जीत के बाद वापस अपने उसी स्वर्णिम समय पर पहुंच पाएगा जहां श्रीलंका 2010-11 के दौर में था।
श्रीलंका की भारत के खिलाफ इस जीत ने श्रीलंका के लिए कुछ हद तक उम्मीदों के दरवाजे तो खोल दिए हैं। जिस तरह से श्रीलंका की टीम ने भारत की युवा टीम को हराया है उससे श्रीलंका के खेमे में आगे बेहतर प्रदर्शन करके जीत हासिल करने की एक उम्मीद तो जरूर जगी होगी। श्रीलंका की टीम बेहतर खिलाड़ी व युवा खिलाड़ियों से सजी हुई है इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन यह खिलाड़ी लगातार अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन कर पाने में नाकाम साबित हो रहे थे। लेकिन भारत के खिलाफ मिली टी20 श्रृंखला में जीत के बाद इन युवाओं में वो आत्मविश्वास तो जरूर आया होगा जो शायद 2010-11 में श्रीलंका टीम के पास होता था।
कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान श्रीलंका क्रिकेट के यह वो नाम है जिन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी उपलब्धियों से लगातार विश्व क्रिकेट में अपना नाम कमाया है। इन खिलाड़ियों के रहते श्रीलंका ने विश्व की बेहतरीन टीमों को भी मात दी है। श्रीलंका वही टीम है जिसमे 2007 का विश्व कप फाइनल भी खेला और 2011 विश्व कप का फाइनल भी खेला। श्रीलंका बेहतर टीमों में हमेशा से ही शुमार रही है। लेकिन इन बेहतरीन खिलाड़ियों के रिटायरमेंट के बाद श्रीलंकाई टीम का सूरज अस्त होने लगा था। श्रीलंका की टीम लगातार हार पर हार होकर निराश होते जा रही थी। लेकिन भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे में मिली श्रीलंका की जीत ने एक बार फिर से टीम के खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भर दिया है। अब देखना यह है कि इस जीत के साथ श्रीलंका आगे जाता है या फिर यह जीत महज एक तुक्का थी।