क्या 2024 का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल गाँधी ? 6 साल के फेर में फंसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्य्ता अयोग्य घोषित हो चुकी है। चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में सूरत की अदालत द्वारा राहुल गाँधी को गुरुवार को दोषी करार दिया गया था। इसके साथ ही राहुल गाँधी के लिए 2 साल की सजा मुकर्रर की गई थी। हालाँकि इस सजा के ऐलान के तुरंत बाद राहुल गाँधी को जमानत तो मिल गई लेकिन आज उन्हें करारा झटका लगा है।

राहुल गाँधी को केरल के वायनाड से लोकसभा के सांसद थे अब उनकी सदस्य्ता रद्द कर दी गई है। यही नहीं अब जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक राहुल गाँधी के लिए अगले साल 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी संकट खड़ा हो गया है।

बता दें 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने इस अधिनियम की धारा 8(4) को असंवैधानिक करार दे दिया था। इस प्रावधान के मुताबिक, आपराधिक मामले में दो साल या उससे ज्यादा सजा के प्रावधान वाली धाराओं के तहत दोषी करार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को उस सूरत में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता था, अगर उसकी ओर से ऊपरी न्यायालय में अपील दायर कर दी गई हो। यानी धारा 8(4) दोषी सांसद, विधायक को अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील लंबित होने के दौरान पद पर बने रहने की छूट प्रदान करती थी।लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद किसी भी निर्वाचित सदस्य को 2 साल या उससे अधिक की सजा होने पर तत्काल प्रभाव से उसकी सदस्य्ता रद्द करने का प्रावधान हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से किसी भी कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही नेता की विधायकी या सासंदी चली जाती है। इसके साथ ही अगले छह साल के लिए वह व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है। इस लिहाज से अगर राहुल गाँधी को ऊपरी अदालतों से राहत नहीं मिलती है तो राहुल न सिर्फ 2024 बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।

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