जब सचिन के भाई के अनोखे चेलेंज की वजह से सचिन ने बना दिया था इतिहास
Liberal Sports Desk : क्रिकेट में भारतीय फैन्स ने अगर किसी खिलाड़ी को भगवान का दर्जा दिया है तो वह है भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को। टेस्ट क्रिकेट की बात हो या फिर वनडे क्रिकेट की सचिन तेंदुलकर के नाम हर वह रिकॉर्ड है जो शायद उनकी प्रतिभा के लिए न्याय भी करता था। तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा शतक सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड भी दर्ज है सचिन के तरकश में हर वो तीर था जिसकी वजह से वह विश्व क्रिकेट में कीर्तिमान स्थापित करते गए। लेकिन आज इस आर्टिकल में हम एक सचिन के एक ऐसे दौर की बात करने जा रहे हैं जब सचिन तेंदुलकर अपने बल्ले की नाकामी से जूझ रहे थे तब सचिन तेंदुलकर के भाई ने उन्हें एक अनोखा चैलेंज किया था।
भारतीय टीम 2004 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी जहां पर भारतीय टीम में दिग्गजों की भरमार थी फिर चाहे वह सचिन तेंदुलकर हो सौरव गांगुली हो राहुल द्रविड़ हो या फिर वीवीएस लक्ष्मण हो। सभी क्रिकेट प्रेमियों को और विश्व क्रिकेट को यह उम्मीद थी कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में इस बार जाकर करिश्मा कर देगी और अंत में भारतीय टीम ने करिश्मा किया भी। और वह सीरीज भारत ने 1-1 से बराबर भी की लेकिन सचिन तेंदुलकर के लिए ऑस्ट्रेलिया का यह दौरा बेहद ही बुरा गुजर रहा था। सचिन तेंदुलकर ने पहले तीन टेस्ट की पांच पारियों में महज 82 रन बना पाए थे।
सचिन जिस वक्त ऑस्ट्रेलिया में मौजूद थे और अपने बल्ले की खराब फॉर्म से गुजर रहे तो उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में यह खबरें चल रही थी कि सचिन का आत्मविश्वास बिल्कुल खो गया है।उनकी तकनीक में खामियां आ गई है सचिन के खराब दौर में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की भी बड़ी भूमिका कहीं जा रही थी। सचिन बेहद परेशान नजर आ रहे थे ऐसा लग रहा था कि सचिन के पास ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का कोई भी जवाब नहीं है तभी सचिन तेंदुलकर के भाई ने उन्हें एक अनोखा चैलेंज दे डाला।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट मैच से ठीक पहले सचिन तेंदुलकर के भाई ने सचिन को एक अनोखा चैलेंज देते हुए कहा कि सिडनी टेस्ट में आप सिर्फ यही करेंगे कि आप बस क्रीज पर जाकर टिके रहेंगे।आपको कुछ भी अलग नहीं करना है आपको केवल क्रीज पर जाकर वक्त वक्त बिताना है। सचिन तेंदुलकर ने उनकी बात मानी और सिडनी में जाकर यही किया उन्होंने क्रीज पर समय बिताया और धीरे-धीरे सचिन तेंदुलकर के बल्ले में गेंद बहुत बेहतर तरीके से आना शुरू हो गई और उस सिडनी टेस्ट में सचिन तेंदुलकर ने करिश्मा का डाला और 241 रनों की शानदार पारी खेली।
एक अखबार को इंटरव्यू देते हुए 17 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उनके भाई के एक चैलेंज ने उन्हें बुरे दौर से बाहर निकाल दिया जिसमें वह आत्मविश्वास खोते हुए नजर आ रहे थे। सचिन तेंदुलकर ने हर कठिन परिस्थिति में अपने आप को बेहतर तरीके से ढाला है। इसी वजह से उनके नाम आज की तारीख में हर वह रिकॉर्ड है जो किसी भी एक बल्लेबाज के लिए बनाना बेहद मुश्किल है।