वेंकैया नायडू ने कहा – सत्ता पक्ष और विपक्ष मेरी दो आंखों की तरह,सदन को सुचारु रुप से चलाना दोनों की थी जिम्मेदारी
संसद का मानसून सत्र अब समाप्त हो चुका है ।विपक्ष में शोर-शराबे और हंगामे के चलते मानसून सत्र विवादों में घिरा रहा। कभी सदन के अंदर पोस्टर और बैनर दिखाए गए ,कभी कागज उड़ाए गए तो राज्यसभा में कार्रवाई के आखिरी दिन मार्शल और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प का मामला भी सामने आया। इस पूरे हंगामे को लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू दुखी हुए और भावुक नजर आए। सत्र खत्म होने के बावजूद अभी भी संसद में हुए हंगामे को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
शुक्रवार को सभापति वेंकैया नायडू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों उनकी दो आंखों की तरह दोनों उनके लिए समान हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि दो आंखों से एक उचित दृष्टिकोण संभव है और उन्होंने दोनों पक्षों को एक समान सम्मान दिया है और इसलिए कई अवसरों पर कहा कि सदन के सुचारू संचालन के लिए दोनों पक्षों की सामूहिक जिम्मेदारी थी।
वही सदन की कार्रवाई में गतिरोध को लेकर सभापति नायडू ने कहा कि विधायिकाएं बहस और चर्चा के लिए होती हैं और बाहर की राजनीतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा में हुए हंगामे पर कार्रवाई को लेकर कहा कि विस्तृत विस्तृत विचार के बाद जल्द से जल्द एक उचित निर्णय लिया जाएगा।