ज्ञानवापी मस्जिद में त्रिशूल-मूर्ति की बात नकारी.. मुख्य इमाम ने औरंगजेब को बताया ‘मजहबी’

ज्ञानवापी मस्जिद में बड़ी मूर्ती, त्रिशूल मिलने का दावा किया जा रहा है। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण पर मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मुमताज अहमद का दावा है कि मेरे प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं। जहां अभी कार्रवाई नहीं हुई वहां अफवाह फैलाई जा रही कि इतनी बड़ी मूर्ती, त्रिशूल मिल गया है। अगर आम जनता यह देखेगी तो लोगों में उन्माद आएगा। प्रशासन को यह सब चीज़ें देखनी चाहिए क्योंकि क़ानून व्यवस्था बनाए रखना उनका काम है। ज्ञानवापी मस्जिद में तीसरे दिन भी एएसआई का सर्वे चल रहा है। 4 हफ्ते तक चलने वाले सर्वे के बाद तय होगा कि क्या वाकई मंदिर को तोडक़र मस्जिद का निर्माण किया गया था।

औरंगजेब को धार्मिक और दानदाता बताया
ज्ञानवापी के जनरल सेक्रटरी और मुख्य इमाम मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यह मस्जिद मुगल बादशाह औरंगजेब ने बनवाई थी। औरंगजेब से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह ऐसा करेंगे। वह बहुत ही ज्यादा धार्मिक थे। इसलिए मंदिर को तोडक़र मस्जिद बनाए जाने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने तो मस्जिदों के साथ-साथ मठों को भी जमीनें दी थीं। यही नहीं औरंगजेब ने मंदिरों को भी जमीनें दी थी। आज भी बनारस में बड़े-बड़े मठों पर औरंगजेब के फरमान देखे जा सकते हैं। वहीं मंदिर में त्रिशूल के निशान पर इमाम का दावा है कि मुगल सैकुलरिज्म थे।

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