3 Idiots फ़िल्म के फुनसुख वांगडू से TAC सिक्योरिटी के संस्थापक Trishneet Arora ने की मुलाकात
टैक सिक्योरिटी के संस्थापक औऱ एथिकल हैकर त्रिशनीत अरोरा साइबर सिक्योरिटी की दुनिया में करिश्मा दिखाने के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतरी के लिए कार्य करने जा रहे हैं। जिसको लेकर त्रिशनीत अरोरा ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार लाने वाले शिक्षा सुधारक और लॉयन ऑफ द लद्दाख के नाम से मशहूर 3 इडियट्स फिल्म के फुंसुक वांगड़ू यानी कि सोनम वांगचुक से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान त्रिशनीत अरोरा ने शिक्षा में नवाचार और सुधारों को लेकर कई मुद्दों पर सोनम वांगचुक से चर्चा की। बता दें कि सोनम वांगचुक देश में आधुनिक शिक्षा की ओर लगातार कार्य करें वही रे आधुनिक शिक्षा का मॉडल रखने की भी लगातार कोशिश करने में जुटे हैं इसी कोशिश मैं अब उन्हें टैक सिक्योरिटी के संस्थापक त्रिशनीत अरोरा का भी साथ मिला है। बॉलीवुड की मशहूर फिल्म 3 ईडियट्स में फुनसुख वांगड़ू के किरदार के माध्यम से आमिर खान ने सोनम वांगचुक की कहानी देशभर को बताई थी वहीं अब साइबर सिक्योरिटी की दुनिया में कमाल करने वाले त्रिशनीत अरोरा की कहानी भी जल्दी ही फ़िल्म में नजर आएगी।
आठवीं क्लास में फेल होने के बाद बने साइबर किंग, करोड़ो की कंपनी की स्थापित-युवाओं को प्रेरित करेगी त्रिशनीत की कहानी
टैक सिक्योरिटी के फाउंडर और सीईओ त्रिशनीत अरोरा की सफलता की कहानी पर अब जल्दी ही फ़िल्म बनने जा रही है। बेहद ही कम उम्र में साइबर की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल करने वाले त्रिशनीत अरोरा की कहानी युवाओं को प्रेरित करेगी। 27 वर्षीय त्रिशनित अरोरा एक कामयाब एथिकल हैकर है इसके साथ ही वे साइबर सिक्योरिटी कंपनी टैक सिक्योरिटी के संस्थापक और सीईओ है त्रिशनीत की कंपनी टैक सिक्योरिटी का करोड़ों का कारोबार है ।
लेकिन यह सब कुछ त्रिशनीत के लिए शुरुआत से आसान नहीं था। लुधियाना के मध्यम परिवार में जन्मे त्रिशनीत का मन भी बाकी छात्रों की तरह पढ़ाई में नहीं लगता था लेकिन कंप्यूटर के त्रिशनीत दीवाने हुआ करते थे दीवानगी भी इस कदर कि कंप्यूटर के अलावा वे दूसरे विषयों की किताबें खोलते तक नहीं थे नतीजा यह रहा की कम्प्यूटर अपनी इस दीवानगी के चलते वह आठवीं क्लास की परीक्षा भी पास नहीं कर सके । कंप्यूटर की दुनिया में त्रिशनीत इतने मशगूल थे कि उन्होंने अपनी आठवीं कक्षा के दो पेपर ही नहीं दिए और फेल हो गए। वही फिर होने के बाद उन्होंने रेगुलर पढ़ाई छोड़ दी और कॉरेस्पोंडेंस के साथ 12वीं की परीक्षा पास की। लेकिन त्रिशनीत उन लोगों में से थे जो अपने पैशन से पीछे हटने वाले नहीं थे त्रिशनित ने फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी और कंप्यूटर की उनकी दीवानगी बरकरार रही। त्रिशनीत को आठवीं क्लास से ही एथिकल हैकिंग में रुचि थी और इसी को उन्होंने अपना सपना बना लिया और महज 19 साल की उम्र में त्रिशनीत को अपने काम के लिए 60 हजार रुपये का चेक मिला था और इसी 60 हजार की मदद से त्रिशनित ने अपनी खुद की कंपनी स्थापित की जिसका नाम उन्होंने टैक सिक्योरिटी रखा।
टैक सिक्योरिटी का आज करोड़ों का है कारोबार ,CBI से लेकर रिलायंस जैसी कंपनी भी क्लाइंट लिस्ट में है शुमार
त्रिशनीत अरोरा साइबर सिक्योरिटी कंपनी टैक सिक्योरिटी के संस्थापक और सीईओ है टैक सिक्योरिटी आज करोड़ों का कारोबार कर रही है। त्रिशनीत की कंपनी टेक सिक्योरिटी के दुनिया भर में 50 फार्च्यून और 500 कंपनियां क्लाइंट है। त्रिशनीत अब तक सीबीआई पंजाब राज्य और क्राइम ब्रांच के लिए ट्रेनिंग सेशन कर चुके हैं साथ ही रिलायंस से लेकर सरकारी ऑफिस तक उनके क्लाइंट की लिस्ट में शामिल है वहीं त्रिशनीत का सपना billion-dollar साइबर सिक्योरिटी कंपनी खोलने का है । त्रिशनीत अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं उनका कहना है की स्कूली पढ़ाई को उतना ही महत्व दीजिए जितना जरूरी है यह जीवन का हिस्सा है लेकिन पूरा जीवन नहीं है त्रिशनित कहते हैं कि असफलताओं से कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता ही आगे बढ़ने का रास्ता बताती हैं और आपको अपने मजबूत पक्ष का बेहतर पता चलता है। त्रिशनीत हैकिंग के क्षेत्र में कई किताबें भी लिख चुके हैं जिसमें ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनीत अरोरा ‘ , ‘दी हैकिंग एरा’ और ‘हैकिंग विथ स्मार्ट फोन्स’ शामिल है। निश्चित तौर पर त्रिशनीत की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित होगी जो अपने पैशन को ही अपना करियर बना कर त्रिशनीत अरोरा की तरह कामयाबियों का आसमान छूना चाहते हैं।