2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी की विश्वासपात्र टीम में शामिल होंगे ये युवा नेता.. रणनीति हुई शुरू
केंद्र में अपनी दूसरी पारी को बढ़ा रही मोदी सरकार की चिंता 2024 की है चिंता इसलिए कि कोरोना काल में जिस तरह से मोदी सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा और उसके बाद कैबिनेट विस्तार में कई केंद्रीय मंत्रियों को अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा उससे साफ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार रिलैक्स मूड में नहीं है जाहिर सी बात है मोदी सरकार उसी रूपरेखा को बनाने के लिए आगे बढ़ रही मौजूदा मंत्रिमंडल विस्तार भी इसी की ओर इशारा कर रहा है जहां पर अलग-अलग वर्ग के अपने अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया लेकिन इसमें सबसे बड़ा नाम रहा जो राजनीति में पूरी तरह से चर्चा में है वह नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया का जो राज्य सभा सांसद हैं और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया है नागरिक उड्डयन मंत्री के तौर पर वे काम कर रहे हैं लेकिन वह सिर्फ केंद्रीय मंत्री तक ही सीमित हैं यह कह देना उचित नहीं होगा दरअसल केंद्र की राजनीति में सिंधिया को वह सब कुछ मिलने वाला है जिस की दरकार सिंधिया को भी है और मोदी को भी।
2024 के चुनाव में एक कुशल रणनीति कार्य के रूप में
ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी के सबसे विश्वासपात्र सदस्यों के रूप में शामिल हो चुके हैं और युवा फेस के रूप में 2024 में बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई के मुद्दों से घिरी केंद्र सरकार के लिए खेवनहार साबित हो सकते हैं युवाओं को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देंगे यह तय नजर आ रहा है दरअसल यह तस्वीर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मौजूदा दौर में जो सिंधिया को मंत्रिमंडल में विभाग दिया गया है वह महत्वपूर्ण तो है लेकिन उसका जनता से सीधा सरोकार नहीं है लिहाजा विभाग के कार्यों को छोड़ने के बाद जो भी वक्त मिलेगा वह 2024 की रणनीति के तहत सिंधिया को युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई राज्यों में ही भेजा जाएगा हालांकि टारगेट मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के साथ-साथ गुजरात में भी सिंधिया की एंट्री होगी।
तेजी से खास बन रहे पीएम के
ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुछ मुलाकातों पर हम गौर करें जो कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई हैं उसमें एक अलग ही रंग देखने को मिल सकता है इन मुलाकातों में जो बॉडी लैंग्वेज देखी जा रही है उसमें साफ देखा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी बेहद ही तन्मयता के साथ सिंधिया के साथ मिल रहे हैं फेस पर एक अलग चमक इन मुलाकातों में देखी जा सकती है जो कि किसी अन्य नेता से मुलाकात में नजर नहीं आती है जाहिर सी बात है प्रधानमंत्री मोदी अपनी अलग ही एजेंडे को लेकर चलते हैं विपरीत हालातों में भी वह लड़ना जानते हैं कुछ ऐसे ही स्वभाव के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से किनारा कर के बीजेपी में ज्वाइन हुए थे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ते समय साफ कर दिया था कि मैं गरीबों की लड़ाई लड़ रहा हूं लेकिन मेरी कोई सुन नहीं रहा है लिहाजा इस तरह से उन्होंने कांग्रेस से विदाई ली थी और वही तेवर लेकर भी बीजेपी में ज्वाइन हुए थे बस उसी तेवर को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी अब उनको 2024 के चुनावी समर के लिए तैयार कर रहे हैं और इसके पहले होने जा रहे विधानसभा चुनावों में चाहे वह पंजाब हो या फिर उत्तर प्रदेश वहां पर भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को फोकस किया जाएगा जाहिर सी बात है कि 2024 की रणनीति का ही हिस्सा होगा।