क्या है विदेशी दौरों पर भारत की हार की सबसे बड़ी वजह,जाने

Liberal Sports Desk : भारतीय टीम को 4 अगस्त से इंग्लैंड के विरुद्ध पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। भारतीय टीम के पास इस बार इंग्लैंड को उन्हीं के घर में हराने का सबसे बेहतरीन मौका है। भारतीय टीम को इस बार इंग्लैंड दौरे पर दिग्गज फेवरेट के तौर पर इसलिए चुन रहे हैं क्योंकि भारतीय टीम इंग्लैंड के मुकाबले काफी संतुलित नजर आ रही है। भारतीय टीम के पास बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण मौजूद है और भारत की बल्लेबाजी भी इंग्लैंड के मुकाबले कुछ बेहतर ही नजर आ रही हैं। इस लिहाज से भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे में फेवरेट के तौर सीरीज की शुरुआत करेगी। लेकिन इस आर्टिकल में हम भारतीय टीम के विदेशी दौरों पर उस वजह के बारे में बताने जा रहे हैं जिस वजह से भारतीय टीम विदेशों में हार जाती है।

पुछल्ले बल्लेबाज बनते हैं विदेश में भारत की हार की वजह

पिछले कुछ समय से भारतीय टीम बल्लेबाजी और गेंदबाजी से विदेशी दौरों में शानदार प्रदर्शन करती नजर आई है। भारतीय टीम ने 2018 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में जाकर सीरीज भी जीती है। लेकिन विदेशी दौरों पर भारत की एक सबसे कमजोर कड़ी भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाज बनते हैं जिसकी वजह से भारतीय टीम कम स्कोर वाले टेस्ट मैच भी हार जाती है।

अगर हम विदेशी दौरों पर भारत की पिछली 7 में से पांच हार को देखेंगे तो उसमें साफ तौर पर यह अंतर दिखाई देगा कि भारतीय टीम पुछल्ले बल्लेबाजों से मार खाती हुई नजर आती है। वहीं दूसरी ओर विरोधी टीम के निचले क्रम के बल्लेबाज भारतीय तेज गेंदबाजों को भी खासा परेशान करते नजर आते हैं और यही उस मैच के परिणाम पर भी असर दिखाई देता है।

2018 में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ टेस्ट में भी भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने निराश किया था। जिसकी वजह से भारत को उस टेस्ट मैच में हार से सामना करना पड़ा था। उस मुकाबले में भारत के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने तो शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारतीय टीम को हार के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया था। वहीं अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले की हार को भी देखेंगे तो उससे समझ आएगा कि भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाजो की वजह से भारत उतने रन नही बना पाया था। वही दूसरी ओर न्यूजीलैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने मैच का रुख ही बदल दिया था।

2018 के भारत के इंग्लैंड दौरे में भी भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों ने जहां इंग्लैंड के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों को अच्छा खासा परेशान किया था तो वहीं भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों के सामने बेहद ही परेशान नजर आए थे। भारत उस सीरीज में 1-4 से टेस्ट श्रृंखला गंवा दिया था। और उसमें इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड की जीत और भारत की हार के बीच सबसे बड़ा अंतर पैदा किया था

भारतीय टीम में निचले क्रम की बल्लेबाजी में इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, और मोहम्मद शमी, खेलते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन इन खिलाड़ियों से बेहतर बल्लेबाजी की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं कर सकते। और 2018 के बाद यह आंकड़े बता रहे हैं कि भारत की विदेशों में हार की सबसे बड़ी वजह कहीं ना कहीं निचले क्रम की बल्लेबाजी बनती है।

यदि भारतीय टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजी औसत की बात की जाए तो 9 10 और 11 मिलाकर भारतीय टीम का बल्लेबाजी औसत मात्र 7.99 है जो कि अफगानिस्तान से भी कमजोर है ऐसे में इस इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम को कहीं ना कहीं निचले क्रम की बल्लेबाजी में कुछ ऐसा करना होगा जिससे भारतीय टीम इस टेस्ट श्रंखला को अपने नाम कर सके

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