मानसून सत्र में कामकाज के लिहाज से पड़ा रहा सूखा , अनिश्चित काल के लिए स्थगित की गई लोकसभा की कार्रवाई,

संसद के मानसून सत्र की कार्रवाई में कामकाज के लिहाज से पूरी तरह से सूखा पड़ा रहा बुधवार को लोक सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष ने सरकार को घेरने के प्रयास शुरू कर दिए थे जिस पर सबसे ज्यादा हंगामा पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों को लेकर किया गया विपक्ष का यह हंगामा पूरे सत्र सदन की कार्यवाही को बाधित करता रहा जिसके चलते सदन में महज 22% ही कामकाज हो सका।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को बताया कि 17वीं लोकसभा का छठवां सत्र आज संपन्न हुआ उन्होंने कहा कि इस सत्र में उम्मीद के मुताबिक सदन का कामकाज नहीं हुआ इसे लेकर मेरे मन में दुख है मेरी कोशिश रहती है कि सदन में अधिकतम कामकाज हो विधायिका कार्य हो जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो लेकिन इस बार लगातार गतिरोध रहा यह गतिरोध समाप्त नहीं हो पाया।

ओम बिरला ने कहा कि पिछले 2 वर्ष के कामकाज की दृष्टि से अधिक उत्पादकता वाले रहे हैं लेकिन इस बार कुल उत्पादकता केवल 22% ही रही जिसमें 20 विधेयक पारित किए गए । वही सदन में सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे को लेकर ओम बिरला ने कहा कि सभी संसद सदस्यों से अपेक्षा रहती है कि हम सदन की कुछ मर्यादा को बनाए रखें हमारी संसदीय मर्यादा है बहुत उच्च कोटि की रही है मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि संसदीय परंपराओं के अनुसार सदन चलें तख्तियां और नारेबाजी हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।

बता दें कि इस सत्र भी लोकसभा की छठ की बैठक 19 जुलाई 2021 को प्रारंभ हुई इस दौरान 17 बैठकों में केवल 21 घंटे 14 मिनट ठीक कामकाज हुआ उमेला ने बताया कि सदन में व्यवधान के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नही हो सका। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र के दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाए 22 मंत्रियों ने वक्तव्य दिए और काफी संख्या में पत्र सभा पटल पर रखे गए।

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