नरेंद्र मोदी के बेहद करीब रहे प्रशांत किशोर अब थाम सकते हैं कांग्रेस का हाँथ,जानिए क्या थी भाजपा से टकराव की वजह

भारत की सियासत में एक कुशल रणनीतिकार के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले प्रशांत किशोर एक बार फिर इन दिनों सुर्खियों में है यह नाम 2014 के बाद से लगातार राजनीतिक गलियारों में चर्चित रहा है प्रशांत किशोर की राजनैतिक रणनीतिकार के तौर पर कामयाबी भी इसका एक कारण रही है। अब रणनीतिकार को लेकर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रशांत किशोर कांग्रेस की बागडोर अपने हाथों में ले सकते हैं कांग्रेस आलाकमान के साथ हाल ही में उन्होंने मुलाकात भी की है जिसके बाद से सियासी चहल-पहल बढ़ गई है। कांग्रेस की डूबती नैया को सहारा देने जा रहे प्रशांत किशोर कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी हुआ करते थे लेकिन वही प्रशांत किशोर अब उनके विरोध में आगामी चुनावों में देखे जा सकते हैं ।आखिर क्या थीं वे वजह जिसके चलते पीके ने भाजपा का साथ छोड़ा था आप जानेंगे इस रिपोर्ट में।

साल 2014 में भाजपा को दिलाई थी बड़ी कामयाबी

प्रशांत किशोर ने 2014 में भाजपा के लिए काम करते हुए एनडीए को बड़ी सफलता दिलाई थी लोकसभा चुनावों में भाजपा की सफलता को प्रशांत किशोर ने खुद अपने करियर का मील का पत्थर भी बताया था वहिं नरेंद्र मोदी के साथ उनकी नजदीकियां भी किसी से नहीं छुपी थी एक ऐसा भी दौर था जब कहा जाता था कि नरेंद्र मोदी और प्रशांत किशोर की नजदीकी से भाजपा के अन्य नेता अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे थे लेकिन जल्द ही प्रशांत किशोर ने भाजपा का साथ छोड़ दिया। वही नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ छोड़ने के पीछे की वजह कभी भी प्रशांत ने खुलकर नहीं बताई लेकिन सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा थी कि प्रशांत किशोर के भाजपा में बढ़ते हस्तक्षेप पर अमित शाह और प्रशांत किशोर के बीच मतभेद देखे जाने लगे वही अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद दोनों के बीच रिश्ते और भी खराब हो गए जिसके बाद प्रशांत किशोर ने भाजपा के लिए काम करना बंद कर दिया । और फिर कभी भी उन्होंने भाजपा के लिए काम नहीं किया।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कर सकते हैं कांग्रेस का ब्लूप्रिंट तैयार

हाल ही में कॉन्ग्रेस आलाकमान के साथ प्रशांत किशोर ने मुलाकात की जिसके बाद एक बार फिर प्रशांत किशोर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होकर 2024 में होने वाले लोकसभा और अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जीत का ब्लूप्रिंट तैयार कर सकते हैं

कांग्रेस में चल रहीं अंतरकलह को भी दूर करने पीके बना सकते हैं फार्मूला

कांग्रेस आलाकमान और प्रशांत किशोर की बैठक से पहले यह मायने निकाले जा रहे थे कि यह बैठक पंजाब कांग्रेस में चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सुलह करानेबको लेकर की गई है लेकिन कुछ राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि इस बैठक के सहारे कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में चल रहे लंबे समय से अंतरकलह को दूर करने के लिए फार्मूला खोजना भी है जिसकी जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को दी जा सकती है।

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