खेल रत्न में राजनीति- MP के गृहमंत्री ने कसा कांग्रेस पर तंज, कहा -राजीव गांधी ने कभी हॉकी नहीं पकड़ी उनके नाम पर क्यों था पुरस्कार?

खेल रत्न पुरस्कारों को लेकर अब सियासी मैदान में भी मुकाबला शुरू हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के सियासी खिलाड़ी एक दूसरे के विरुद्ध जुबानी मुकाबले में उतर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेल रत्न अवॉर्ड के नाम को बदलने के फैसले के बाद कॉन्ग्रेस ने जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने में लेते हुए मेजर ध्यानचंद के नाम का प्रयोग करना सियासी कदम बताया तो वहीं अब भाजपा के नेता भी कॉन्ग्रेस पर पलटवार करते नजर आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं वही अब उन्होंने खेल रत्न पुरस्कारों को लेकर भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस पर हमला किया है दरअसल मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने पर कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस फैसले का अन्तर्मन से स्वागत करता हूं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा इन पुरस्कारों का नाम राजीव गांधी के नाम पर क्यों था मैं आज तक नहीं समझ पाया हूं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उस पुरस्कार को लेकर एक ही परिवार की स्तुती में ऐसा भी क्या डूबना कि ध्यानचंद जी जैसे के नाम पर पुरस्कार नहीं था बल्कि राजीव गांधी के नाम पर था जिसने कभी जिंदगी में हॉकी नहीं पकड़ी।

राजनीति में श्रेय लेने की होड़ तो अक्सर लगी ही रहती है लेकिन टोक्यो ओलंपिक में जिस तरह से इस बार महिला एवं पुरुष हॉकी की टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया उससे इस वक्त खेलों में राजनीति ऐसा लगता है हावी हो रही है। जाहिर सी बात है जो तस्वीर निकल कर सामने आई है वह पहली ही बार है जब हॉकी पर निछावर करने के लिए राजनेता आगे आ रहे हैं इसके पहले हॉकी राष्ट्र खेल होते हुए भी वह गौरव प्राप्त नहीं कर पाया था ।राजनेताओं की जुबान पर कभी भी हॉकी का नाम भी नहीं आता था लेकिन कहते हैं ना जब सितारे बुलंदी पर होते हैं तो सभी पूछ परख करते हैं ठीक इस तरह तस्वीर भी निकल के साथ में आई जबकि अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला कर दिया गया ।जबकि भारत रत्न की मांग भी लंबे अरसे से की जा रही है वह तो पूरी नहीं हुई ,7 सालों में कई बार मेजर ध्यानचंद के नाम पर भारत रत्न देने की बात उठी लेकर मोदी सरकार ने तब इस बात को पूरा नहीं किया लेकिन टोक्यो ओलंपिक में सितारा चमका तो हॉकी के सबसे दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार देकर उन्हें सम्मान से नवाजा गया । लेकिन राजनीति का शिखर भी यहां पर देखने को मिलने लगा। और श्रेय लूटने की होड़ मचने लगी।

MUST READ