पीएम को ‘चाय बेचने वाला’ नहीं कहना चाहिए ,यह पत्रकारों की गलती है- प्रधानमंत्री के भाई प्रह्लाद मोदी का बयान

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी अपने जीवन के शुरुआती दौर की बात करते हैं तो वे अपने जीवन के संघर्ष और कड़ी मेहनत के बारे में देश को जरूर बताते हैं। अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इस बात का जिक्र भी किया है कि कैसे उन्होंने जीवन के शुरुआती दौर में परिवार की सहायता के लिए चाय तक बेची थी। न केवल देश भर में बल्कि दुनियाभर के अलग-अलग देशों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघर्ष की चर्चा होती है और इसकी सराहना भी होती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब भारत की यात्रा में आए तो उन्होंने भी अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया कि कैसे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बेचने से अपने सफर की शुरूआत की और वे देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सियासत पर कदम रखा था तो चाय का मुद्दा खूब गरमाया था। विपक्षी नेताओं ने यह तक कहा था की एक चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। वही भाजपा के नेता यह कहते नजर आते थे कि इस देश में संभावनाओं की कमी नहीं है देश ने यह सिद्ध किया कि यहां एक चाय बेचने वाला भी प्रधानमंत्री के सफर को तय कर सकता है नरेंद्र मोदी भी कई अवसरों पर ऐसी बातें करते नजर आए हैं।

लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने चाय बेचने वाले संबोधन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। प्रहलाद मोदी का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने अकेले चाय नहीं बेची , हम पांच भाई थे सभी ने चाय बेची है नरेंद्र मोदी को चाय बेचने वाला नहीं कहना चाहिए यह पत्रकारों की गलती है।

दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी महाराष्ट्र के ठाणे में एक कार्यक्रम में कारोबारियों को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर चाय बेचने वाले संबोधन पर आपत्ति जताई प्रह्लाद मोदी ने कहा कि चाय अकेले नरेंद्र भाई ने नहीं बेची है हम पांच भाई थे पांचों ने चाय बेची है जिसका जैसा नंबर लगता था वह बेचता था ,उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने पूरी जिंदगी चाय बेची है इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी को चाय बेचने वाले का बेटा कहना चाहिए, चाय बेचने वाला नहीं। यह पत्रकारों की गलती है। पीएम के भाई प्रह्लाद मोदी ने अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता ने पूरी जिंदगी चाय बेचकर हमको पाला पोषा बड़ा किया ।5 भाई और एक बहन को बड़ा किया । यह प्रेस वालों की गलती है कि वह प्रधानमंत्री को चाय बेचने वाला कहते हैं जबकि उन्हें चाय बेचने वाले का बेटा कहना चाहिए।

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