यूपी में अब भाजपा भी गाते नजर आएगी विप्र वंस की प्रभुताई ,ब्राह्मणों वोट बैंक के लिए बन गया प्लान
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जहाँ एक ओर पक्ष- विपक्ष एक दुसरे की खामियों और उपलब्धियों को जनता के सामने परोसने में लगा है तो वहीँ दूसरी और अपने अपने वोट बैंक को मजबूत करने में भी जुटा हुआ है। भले ही कोई भी पार्टी चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ने का दावा करती हो लेकिन उत्तर प्रदेश में जो हालात बन रहे हैं एक बार फिर वो जातिवाद की राजनीती को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी सबसे ज्यादा जोर ब्राह्मणो को लुभाने पर दे रही है मायावती पहले ही प्रबुद्धवर्ग सम्मलेन की शुरआत कर चुकी है। उत्तरप्रदेश में बसपा ने अपने ब्राह्मण चेहरे के रूप में सतीश चंद्र मिश्रा को ब्राह्मण वोट बैंक मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है जिसमे वे पूरी तरह जुट चुके हैं। तो सपा भी अब विप्र बंधुओ को अपनी साईकिल में बैठने के प्रयास में नजर आ रही है। यूपी चुनाव की तैयारियों में अबतक ब्राह्मणो का प्रेम भाजपा में देखने को नहीं मिला था लेकिन अब धीरे धीरे भाजपा भी ब्राह्मण वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के प्रयासों में लग रही है।
दरअसल लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसको लेकर अब ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि यह कार्यक्रम भाजपा का ब्राह्मण वर्ग को भाजपा की ओर आकर्षित करने की शुरुआत है। लखनऊ के सहकारिता भवन में हालही में विद्वत समिति द्वारा विद्वत समाज सम्मलेन एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया लेकिन इस कार्क्रम में जिन राजनेताओ ने भाग लिया उससे तस्वीर कुछ और ही बनती नजर आयी।
इस विद्वत सम्मान एवं अभिनंदन कार्य्रकम के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र थे वहीँ कार्यक्रम में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री महेन्द्रनाथ पांडे और अजय मिश्रा भी शामिल हुए साथ ही कार्यक्रम के संयोजक यूपी के गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र तिवारी थे। यानी की कार्यक्रम में हर ओर ब्राह्मण चेहरे ही थे। इस कार्यक्रम में लगभग 95 प्रतिशत व्यक्ति जिनका सम्मान किया गया वे भी ब्राह्मण गई थे। और सम्मान के रूप में सभी को भगवान् परशुराम का प्रतीक चिन्ह भी दिया गया। इस पूरे कार्य्रकम को भाजपा ने गैर राजनैतिक जरूर बताया है लेकिन जो तस्वीर निकलकर बाहर आ रही है उससे यही साफ़ होता दिख रहा है कि अब भाजपा भी विप्र वंस की प्रभुताई गाने में पीछे नहीं रहेगी।और ब्राह्मण वोट को भाजपा में खींचने के अपने प्लान की शुरआत कहीं न कहीं भाजपा ने इस कार्यक्रम के जरिये कर दी है।