यूपी की सियासत के नए रंग : योगी और अखिलेश के बीच अब छिड़ गयी, जीवन जीने के तरीके पर जंग
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक के बाद एक मुद्दे सामने आते जा रहे हैं। आम के स्वाद की बात हो अब्बा जान के नाम की बात हो। हर मुद्दे के रंग उत्तर प्रदेश की सियासत में नजर आ रहे हैं। लेकिन चुनावी माहौल में अब जो मुद्दा उत्तर प्रदेश में निकल कर सामने आ रहा है उसका संबंध जीवन जीने के तरीके से है। जीवन जीने का आखिर सबसे बेहतर तरीका क्या हो सकता है जीवन जीने के सिद्धांत कैसे हो सकते हैं और जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्या है यह बातें शायद किसी अध्यात्मिक मंच से निकली हुई लगती है लेकिन ऐसा नहीं है यह बातें निकल कर सामने आ रही हैं उत्तर प्रदेश के सियासी मैदान में जहाँ सीधा सीधा मुकाबला देखा जा रहा है सत्ताधारी भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ट्विटर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बीच जीवन जीने के सिद्धांत को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों नेता जीवन के संबंध में अपने अपने सिद्धांत बता रहे हैं और एक दूसरे के सिद्धांत को कहीं ना कहीं नकारते हुए भी नजर आ रहे हैं।
इसकी शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा ” हम जीवन में कितने दिन जी रहे हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है, हमने कैसा जीवन जिया है यह महत्वपूर्ण होता है”। जीवन जीने के संबंध में योगी आदित्यनाथ के इस ट्वीट के लगभग 1 घंटे बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी आदिनाथ के सिद्धांत पर पलटवार कर दिया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ” महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हमने कैसा जीवन जिया ,महत्वपूर्ण यह है कि हमारी वजह से लोगों ने कैसा जीवन जिया। साथ में अखिलेश ने यह भी लिखा कि ” भाजपा ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है अब तो भाजपाइयों के प्रवचन तक अच्छे नहीं लगते उनके दिए गए वचन की तो क्या ही बात करें यह वापस लौटने की तैयारी है”।
इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने अपने मतानुसार जीवन के सिद्धांत के प्रति अपने अपने विचार रखें जीवन में सबसे ज्यादा क्या महत्वपूर्ण हैं शायद यह तो कोई दार्शनिक ही बता पाएगा लेकिन फिलहाल जो उत्तर प्रदेश में तस्वीर निकल कर सामने आ रही है उससे यह साफ हो गया है कि 2022 के चुनाव में इन सियासो दलों के लिए उत्तर प्रदेश में अगर कुछ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है तो वह है उत्तर प्रदेश की सत्ता जिसे हासिल करने के लिए सभी एड़ी चोटी का जोर लगाने में लगे हुए हैं। अब यह देखना लाजमी होगा कि उत्तर प्रदेश में शुरू हुए जीवन जीने के महत्व की यह जंग चुनाव में मतदान आते तक कितने रंग दिखाती। है