NCPCR अध्यक्ष ने बताया प्रक्रियात्मक चूक.. चर्च की भूमिका व दिल्ली सरकार पर भी सवाल

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने अपने मृत दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ कई महीनों तक बलात्कार किया। यह मामला सामने आने के बाद हर कोई हैरान है। अब इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है। यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षण की आवश्यकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण एनसीपीसीआर के बालस्वराज पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए।

अस्पताल भेजी जाएगी टीम
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कहा था कि उन्होंने ऐसे सभी बच्चों का ब्योरा दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक हमें उसकी डिटेल नहीं मिल पाई है। हमने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बच्ची का नाम और बालस्वराज पोर्टल में उसकी एंट्री पूछी है। उन्होंने कहा कि इसमें चर्च की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। बच्चे ने अभी तक बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान नहीं दिया है। हम सुबह से समिति प्रमुख से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह कॉल रिसीव नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम इस मामले पर नजर रख रहे हैं और यह जानकारी एकत्र करने के बाद हम दिल्ली सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे। जिस अस्पताल में लडक़ी भर्ती है वहां भी हम एक टीम भेज रहे हैं।

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